पापी पेट के लिए जान जोखिम में डाल कर रस्सी पर करतब दिखाने को मजबूर मासूम

पापी पेट के लिए जान जोखिम में डाल कर रस्सी पर करतब दिखाने को मजबूर मासूम


बिजौलियां(जगदीश सोनी)।गरीबी और भूख इंसान को कुछ भी करने पर मजबूर कर देती हैं।कस्बे में सोमवार को जान जोखिम में डाल कर करतब दिखाती छत्तीसगढ़ के चाम्पा निवासी 9 वर्षीय मासूम बालिका मजनी को देख कर तो यही कहा जा सकता हैं।मजनी द्वारा दो तरफ बांस के छोर से बंधी  करीब 30 फ़ीट लम्बी और 10 फ़ीट ऊंची रस्सी पर चल कर कई करतब दिखाए गए।मजनी का संतुलन गजब का था।चेहरे पर कोई खौफ नहीं,लेकिन इसके करतब देख कर हर कोई हैरान था। सिर पर 3 लोटे  रख कर कभी खुले पैर तो कभी चप्पल पहन कर और कभी  थाली व  रिंग पर पैर चला कर रस्सी पर चलते हुए कई करतब दिखाए।मजनी जब रस्सी को जोर-जोर से हिलाते हुए हाथ में बांस लेकर करतब दिखाती हैं तो इसका सन्तुलन देख कर लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं।मजनी का ये तमाशा ही इसके परिवार को दो जून की रोटी नसीब करवाता हैं।मजनी के पिता सजनु ने बताया कि छत्तीसगढ़ में राजनट परिवार में हर घर की बच्चियां ये करतब दिखाती हैं।उनके पुरखे पीढ़ियों से यही  काम करते आ रहे हैं।पहले वो खुद करतब दिखाया करता था।अब  दो साल से मजनी ये काम कर रही हैं।अब तक वो देश के कई राज्यों में जा कर करतब दिखा चुके हैं।मजनी के करतब उसके परिवार के गुजर-बसर का साधन भले  ही हो लेकिन ये करतब दिखाने की मजबूरी सरकार के बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ,गरीबी हटाओ,सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार अभियान की पोल खोलते नजर आते हैं।स्कूल में जा कर ककहरा सीखने की उम्र में अगर मासूमों को पापी पेट की खातिर जान जोखिम में डाल कर करतब दिखाने पड़े तो ये सरकार और समाज के लिए सोचने का विषय हैं।