भारतीय नर्स निमिषा की मौत की सजा पर भ्रम की स्थिति: ग्रैंड मुफ्ती बोले- सजा रद्द, विदेश मंत्रालय ने दी सफाई

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा मिलने के मामले में उलझन बढ़ गई है। एक तरफ भारत के ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने दावा किया है कि निमिषा की मौत की सजा अब रद्द कर दी गई है, वहीं दूसरी तरफ भारत के विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इस दावे को भ्रामक बताया है।
निमिषा को 2018 में एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। अदालत ने उसे 16 जुलाई 2025 को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन एक दिन पहले 15 जुलाई को उसे अस्थाई राहत मिली और सजा स्थगित कर दी गई थी। अब यह सस्पेंस बना हुआ है कि क्या उसकी फांसी पूरी तरह टल गई है या सिर्फ टाल दी गई है।
मामले में नया मोड़ तब आया जब भारतीय ग्रैंड मुफ्ती और यमन के सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज के बीच 15 जुलाई को बातचीत हुई। इस बातचीत में यमन के सुप्रीम कोर्ट के एक जज और मृतक का भाई भी शामिल रहा। यह पहली बार था जब मृतक के परिवार का कोई सदस्य बातचीत के लिए आगे आया।
यह बातचीत शरिया कानून के तहत हुई, जिसके तहत मृतक का परिवार दोषी को बिना किसी शर्त या 'ब्लड मनी' (दिया) के बदले माफ कर सकता है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि परिवार ने माफ किया है या नहीं।
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ग्रैंड मुफ्ती कार्यालय द्वारा किया गया दावा वर्तमान स्थिति को सही ढंग से नहीं दर्शाता। ऐसे में निमिषा की किस्मत अभी अधर में है और भारत सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।