फ्लाइट में बचाई सहयात्री की जान।

फ्लाइट में बचाई सहयात्री की जान।

जयपुर सही समय पर प्रदान की गई चिकित्सकीय सहायता किसी की जान बचा सकती हे।इसी बात को चरितार्थ किया डा कविता गोयल ने जब कोयम्बतूर से जयपुर की फ्लाइट में उन्होने सहयात्री की जान बचाई।

सफ़र के मध्य में लगभग 30 हजार फीट की ऊंचाई पर अचानक एक बुजुर्ग महिला पसीना पसीना होकर बेहोश हो गई व उसकी सांस रूक गई। केबिन क्रू ने चिकित्सकीय सहायता के लिए सहयात्रियों से अपील की।तुरंत डा कविता मरीज के पास पहुंची व जरूरी सीपीआर मुहैया करवाकर मरीज की जान बचाई।मरीज की सांस चलने लगी और वो होश में आ गई।

डा कविता ने बताया की समय पर सीपीआर प्रदान कर किसी जरूरतमंद मरीज की जान बचाई जा सकती हे व कोई भी व्यक्ति किसी जरूरतमंद को सीपीआर प्रदान कर सकता हे। हर नागरिक को बेसिक सीपीआर की जानकारी व ट्रेनिंग होनी चाहिये ताकि जरूरत पड़ने पर किसी जरूरतमंद की जान बचाई जा सके।फिलहाल हमारे देश में लगभग एक प्रतिशत लोगो को ही सीपीआर की ट्रेनिंग व जानकारी हे जो कि चिंताजनक हे।समय समय पर अनेकों अस्पताल,चिकित्सक व स्वयंसेवी संस्थाएं आम नागरिकों के लिये बेसिक लाइफ सपोर्ट सीपीआर ट्रेनिंग का आयोजन करते रहते हें।जरूरत हे इस विषय में जागरूकता फैलाने की व अधिकाधिक केम्प लगाकर लोगों को सीपीआरमें ट्रेंड करने की।

उल्लेखनीय हे कि डॉ कविता गोयल जयपुर में वरिष्ठ स्त्री व प्रसूती रोग विशेषज्ञ व दूरबीन शल्य चिकित्सक हें और रूंगता हॉस्पिटल व कोकून हॉस्पिटल में कार्यरत हें। डा कविता कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी हुई हें व गौ-सेवा,पक्षी संवर्धन,पौध-रोपण  व पर्यावरण संरक्षण के हेतु में निरंतर अपनी सेवाऐं दे रही हें।