जिला बाल पीड़ित प्रतिकर सहायता समिति के संबंध में मीटिंग का हुआ आयोजन

सवाई माधोपुर, 9 अप्रैल। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा लंबित बाल पीड़ित प्रतिकर के संबंध में की गई अनुशंसाओ, प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों पर विचार-विमर्श किए जाने हेतु जिला बाल पीड़ित प्रतिकर सहायता समिति के पदेन सदस्यगण के साथ बैठक के आयोजन हेतु प्राप्त निर्देशों की पालना में बुधवार को समीक्षा गौतम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर की अध्यक्षता में जिला बाल पीड़ित प्रतिकर सहायता समिति के पदेन सदस्यगण के साथ बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में रूबी अंसार (प्रतिनिधि) अति. जिला कलक्टर सवाई माधोपुर, ओमप्रकाश मीना अति. पुलिस अधीक्षक विशेष महिला अपराध अनुसंधान इकाई तथा श्वेता गर्ग अध्यक्ष बाल कल्याण समिति सवाई माधोपुर उपस्थित रहे। सचिव समीक्षा गौतम द्वारा उपस्थित अधिकारीगण को किशोर न्याय समिति, राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार मीटिंग में वर्तमान में लंबित बाल पीड़ितों के प्रार्थना पत्रों के संबंध में विचार-विमर्श किया गया, साथ ही वर्ष 2019 से 2025 तक के बाल पीड़ितों के मामलों के संबंध में दर्ज कराई गई एफआईआर में पात्र बाल पीड़ितों को प्रतिकर दिलाए जाने के संबंध में अनुशंसा कर कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भिजवाए जाने हेतु निर्देशित किया गया।
ओमप्रकाश मीना अति. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पोक्सो प्रकरण की अप्रैल माह में 2 एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें से उनके स्तर पर एक भी एफआईआर लंबित नहीं है। सभी एफआईआर नोडल ऑफिसर (अति. जिला कलेक्टर) सवाई माधोपुर को प्रेषित की जा चुकी है। श्वेता गर्ग अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ने बताया कि गत मीटिंग के बाद से उनके द्वारा उनके द्वारा 4 एफआईआर में 5 आवेदन पीड़ित प्रतिकर योजना के अन्तर्गत अनुशंसा हेतु अति. जिला कलेक्टर को प्रेषित किये गये है तथा गत मीटिंग के बाद से एक एफआईआर पीड़ित प्रतिकर योग्य नहीं पाई गई। वर्ष 2019 से 2023 तक पोक्सो प्रकरणों की लंबित 471 एफआईआर में से 284 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है तथा अब 187 एफआईआर वर्तमान में लंबित है। वर्ष 2024 एवं 2025 की एफआईआर में भी त्वरित कार्यवाही की जा रही है। वर्ष 2025 की गत मीटिंग के बाद से 4 एफआईआर में कार्यवाही की जा रही है।
सचिव समीक्षा गौतम द्वारा उपस्थित अधिकारीगण को बालश्रम, पोक्सो एक्ट एवं बाल अपराधों के संबंध में वर्तमान में दर्ज की जाने वाली एफआईआर की एक प्रति तथा प्रकरणों में पीडित अथवा उसके आश्रित की ओर से आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में अविलम्ब आवेदन मय दस्तावेज कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित किए जाने के संबंध में निर्देश प्रदान किए गए।