अलवर में तीन दिवसीय मत्स्य उत्सव का भव्य आगाज

अलवर में तीन दिवसीय मत्स्य उत्सव का भव्य आगाज

सांस्कृतिक रंगों से सजी सिलीसेढ़ झील और महल चौक की शाम 
अलवर। तीन दिवसीय मत्स्य उत्सव का शुभारंभ 27 नवंबर तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। जिला कलेक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने बताया कि भानगढ़ में देशी-विदेशी पर्यटकों का पारंपरिक स्वागत लोक कलाकारों द्वारा किया गया। इस दौरान सहरिया, कच्ची घोड़ी, चकरी, और गैर जैसे नृत्यों ने दर्शकों को मोहित किया।  

सिलीसेढ़ झील की लहरों पर बिखरा लोकरंग 
पहले दिन सिलीसेढ़ झील पर पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और कश्मीर से आए कलाकारों ने भंगड़ा, लावणी, सिद्धि धमाल और हरियाणवी नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। भपंग वादन और कश्मीरी नृत्य ने खास आकर्षण पैदा किया। बड़ी संख्या में पर्यटकों और आमजन ने इस सांस्कृतिक संगम का आनंद लिया।  

जगन्नाथ मंदिर में विशेष संध्या आरती
मत्स्य उत्सव की श्रृंखला में जगन्नाथ मंदिर में संध्या आरती का आयोजन हुआ। एडीएम योगेश डागुर और अन्य प्रबुद्ध व्यक्तियों ने भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने सैकड़ों दीप जलाकर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।  

महल चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन 
शाम को महल चौक में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ जिला न्यायाधीश हरेंद्र सिंह ने किया। देशभर से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।