विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में नया रिकॉर्ड बनाया है। पहली बार इन्होंने शेयर बाजार में 609 अरब डॉलर यानी 45 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है। यानी जितना शेयर खरीदा और जितना बेचा, उसके बाद जो निवेश रह गया। इनका पसंदीदा सेक्टर बैंकिंग और फाइनेंशियल है। इससे पहले पिछले हफ्ते ही भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर को पहली बार किया था।
32.14% का निवेश बैंकिंग और फाइनेंशियल में
डिपॉजिटरी NSDL के मुताबिक, इनका कुल निवेश 609 अरब डॉलर का रहा है। इनका पसंदीदा सेक्टर बैंकिंग एवं फाइनेंशियल सेक्टर रहा है। कुल निवेश का अकेले 32.14% इसमें रहा है। सॉफ्टवेयर एवं सेवाओं में 13.27% का निवेश रहा है। ऑयल एवं गैस में 10%, ऑटोमोबाइल में 4.52% का निवेश रहा है। फार्मा में 4.03 और कैपिटल गुड्स में 3.93% का निवेश रहा है। फूड, बेवरेजेस, तंबाकू में 2.55 और कंज्यूमर ड्यूरेबल में 2.4% निवेश रहा है।
दिसंबर 2019 तक 31 लाख करोड़ का निवेश
दिसंबर 2019 में विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार में कुल निवेश 31 लाख करोड़ रुपए था जो कि जून 2020 में घट कर 26 लाख करोड़ रुपए हो गया था। हालांकि एक साल में जैसे भारतीय बाजार कोरोना में दोगुना बढ़ा, उसी तरह से इनका निवेश भी बढ़ गया। एशिया में भारतीय शेयर बाजार ने इस साल सबसे ज्यादा 12% का रिटर्न दिया है। भारतीय बाजार के मार्केट कैपिटलाइजेशन के करीबन 20% हिस्से पर इनका कब्जा है।
शेयर बाजार की तेजी में बहुत बड़ा योगदान
शेयर बाजार की तेजी में इन निवेशकों का बहुत बड़ा योगदान है। इनके निवेश से बाजार में लगातार तेजी बनी है और यह इसी महीने अपनी उंचाई का नया रिकॉर्ड बनाया है। सेंसेक्स पिछले हफ्ते ही 52 हजार 800 के ऊपर जाने में कामयाब रहा है। डिपॉजिटरीज डेटा के मुताबिक मई में भारतीय बाजार से इन्होंने 1,730 करोड़ रुपए निकाले। इससे पहले अप्रैल में भी निवेशकों ने 9,435 करोड़ रुपए निकाले थे। इसमें डेट और इक्विटी मार्केट की निकासी शामिल है।
भारतीय शेयर बाजार का बेहतर प्रदर्शन
भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन इस साल में टॉप के बाजारों में सबसे बेहतर रहा है। यही कारण है कि सबसे ज्यादा विदेशी निवेश में यह दूसरे नंबर पर रहा है। ब्राजील में 813 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश रहा है तो भारत में 798 करोड़ डॉलर रहा है। इंडोनेशिया में 112 करोड़ डॉलर रहा है लेकिन मलेशिया से इन निवेशकों ने 896 करोड़ डॉलर निकाल लिया है। इसी तरह फिलीपींस, चीन, थाइलैंड और दक्षिण कोरिया के भी बाजारों से विदेशी निवेशकों ने पैसे निकाले हैं।