उपचुनाव में कांग्रेस को भीतरघात का खतरा, तीन सीटों पर चुनौती बढ़ी

जयपुर टाइम्स
जयपुर। प्रदेश की सात विधानसभा उपचुनाव सीटों में से तीन पर कांग्रेस को भीतरघात का डर सता रहा है। झुंझुनूं, देवली-उनियारा और सलूम्बर सीट पर इस खतरे के कारण कांग्रेस के लिए चुनाव चुनौतीपूर्ण हो गया है। इनमें झुंझुनूं सीट पर ओला परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है, जिससे पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और सचिन पायलट की साख भी जुड़ी हुई है।
कांग्रेस ने भीतरघात की संभावनाओं को देखते हुए इन सीटों पर पार्टी कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। विशेषकर झुंझुनूं, देवली-उनियारा और सलूम्बर सीट पर बागियों के कारण पार्टी को नुकसान की आशंका है। पीसीसी चीफ डोटासरा ने इन सीटों पर कमान संभाल रहे नेताओं को निर्देश दिया है कि वे मौके पर ही स्थितियों को संभालें और भीतरघातियों पर कड़ी नजर रखें।
तीन सीटों पर कांग्रेस की स्थिति:
झुंझुनूं:
ओला परिवार के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय है। यहां भीतरघात का खतरा पार्टी की जीत में बाधा बन सकता है। पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा और एमडी चौपदार की नाराजगी कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।
देवली-उनियारा:
कांग्रेस के बागी नरेश मीणा के मैदान में उतरने से यह सीट कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई है। केसी मीणा को टिकट दिए जाने पर अन्य दावेदारों में भीतरघात का खतरा बना हुआ है।
सलूम्बर:
यहां भाजपा का लंबे समय से दबदबा रहा है, और कांग्रेस ने बगावत कर चुकी रेशमा मीणा पर भरोसा जताया है। पूर्व सांसद रघुवीर मीणा की नाराजगी से भीतरघात का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि वे खुद और उनकी पत्नी बसंती मीणा दावेदार थे।