“कल करे सो आज कर”: टालमटोल छोड़कर अभी शुरू करें काम, परफेक्शन नहीं, निरंतरता सफलता की कुंजी है

डच लेखक डेरियस फरू की चर्चित सेल्फ-हेल्प बुक *‘Do It Today’* का हिंदी अनुवाद *‘काल करे सो आज कर’* अब पाठकों के बीच चर्चा में है। यह किताब टालमटोल की आदतों से छुटकारा पाने और समय का बेहतर उपयोग करने की सीख देती है। लेखक खुद एक ब्लॉगर, आंत्रप्रेन्योर और मोटिवेशनल थिंकर्स में गिने जाते हैं।
यह किताब बताती है कि परफेक्शन की चिंता छोड़कर काम की शुरुआत करना ज्यादा जरूरी है। लेखक फरू मानते हैं कि सफलता उन लोगों को मिलती है जो निरंतर प्रयास करते हैं, न कि केवल टैलेंट पर भरोसा करके बैठे रहते हैं।
लेखक अपने जीवन का उदाहरण देते हुए बताते हैं कि उन्होंने किताब लिखने का सपना 10 साल तक सिर्फ सोचते ही रह गए। लेकिन जब 2015 में उन्होंने शुरुआत की, तो केवल 6 महीने में अपनी पहली किताब पूरी कर दी। यहीं से उन्हें समझ आया कि देर करना सबसे बड़ी भूल होती है।
किताब का एक केंद्रीय विचार है — *"हर दिन हमारे पास कम हो रहा है, और हम मृत्यु की ओर बढ़ रहे हैं।"* इसलिए ज़िंदगी को यूं ही सोचते हुए बिताने के बजाय, उसमें सार्थकता लाने की कोशिश करनी चाहिए।
किताब में दिए गए सुझाव सरल, व्यावहारिक और मोटिवेटिंग हैं। यह युवाओं, प्रोफेशनल्स और उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो बार-बार सोचते हैं लेकिन काम शुरू नहीं कर पाते।
यह किताब समय प्रबंधन और खुद की आदतों में बदलाव की दिशा में एक जरूरी प्रेरणा है।