द्वितीय विश्वयुद्ध सेनानी बनाराम जाखड़ के नाम पर बनेगी ग्राम पंचायत सरकार के निर्णय पर क्षेत्रवासियों ने जताया आभार, बताया सच्ची श्रद्धांजलि
बाड़मेर जिले के छीतर का पार गांव में जन्मे गांधीवादी विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और किसान नेता बनाराम जाखड़ के नाम पर अब एक ग्राम पंचायत का गठन किया जाएगा। राजस्थान सरकार के इस फैसले से स्थानीय ग्रामीणों और किसान समुदाय में उत्साह की लहर है। लोगों ने इसे बनाराम जाखड़ के संघर्षों और सेवाभाव को उचित सम्मान बताते हुए सरकार सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी व भाजपा नेता बालाराम मूढ़ का आभार जताया है।
1917 में जन्मे बनाराम जाखड़ ने रेलवे से करियर शुरू किया और बाद में जोधपुर रियासत की सेना में भर्ती होकर द्वितीय विश्वयुद्ध में हिस्सा लिया। वे अफ्रीका व यूरोप में तैनात रहे और इटली में रहते हुए साम्राज्यवाद की सच्चाई को समझकर स्वतंत्रता आंदोलन में जुड़ गए। सिंगापुर में आजाद हिंद फौज के खिलाफ लड़ने के आदेश का विरोध करने पर वे 14 माह हांगकांग की जेल में बंद रहे।
स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम वर्षों में उन्होंने मारवाड़ किसान सभा से जुड़कर जागीरदारी प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई। अकाल के समय राहत कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई और ग्रामीण शिक्षा को बढ़ावा दिया। वे छीतर का पार के पहले सरपंच भी रहे।
उनके जीवन पर साहित्यकार नंद भारद्वाज द्वारा लिखित पुस्तक ‘काहू री काठी धरा’ प्रेरणास्रोत रही है। ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत का नामकरण उनकी स्मृति को अमर बनाने वाला कदम है।