हरे पेड़ों की कटाई पर विवाद, प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

हरे पेड़ों की कटाई पर विवाद, प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

नीमकाथाना/पाटन। पाटन तहसील के मीणा का नांगल रोड पर अवैध रूप से 70-80 हरे पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता अशोक जांगिड़ ने आरोप लगाया कि पांच से छह साल पुराने नीम, पीपल और अन्य हरे-भरे पेड़ों को जेसीबी की मदद से जड़ से उखाड़ दिया गया।  

शिकायत और प्रशासन का मौन 
अशोक जांगिड़ ने बताया कि यह घटना मंगलवार शाम को हुई, जब लक्ष्मीनारायण गुर्जर उर्फ कालूराम गुर्जर ने कथित रूप से अपनी टीम के साथ मिलकर पेड़ों को काटा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कटाई बिना किसी अनुमति और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हुए की गई। जब इस बाबत सवाल किया गया, तो आरोपित ने धमकी देते हुए कहा कि "प्रशासन मेरे हाथ में है, तुम कुछ नहीं कर सकते।"  

मौके पर कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार की। शिकायतकर्ता ने बताया कि घटना के वीडियो भी उनके पास मौजूद हैं, जो इस कटाई की पुष्टि करते हैं।  

पक्ष और प्रतिक्रियाएं
तहसीलदार सुभाष चंद्र ने कहा, "पेड़ों की कटाई अवैध पाई गई है। अपराधियों पर जुर्माना लगाया जाएगा और नए पेड़ लगवाए जाएंगे।"  
वहीं, कालूराम गुर्जर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "सभी पेड़ काटने लायक थे और किसी अवैध कार्य में शामिल नहीं हैं।"  

स्थानीय आक्रोश और प्रशासन पर सवाल 
इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। पेड़ों की कटाई पर प्रशासन की निष्क्रियता और आरोपित की कथित धमकियों ने प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाए जाएं।