इंद्रप्रस्थ से दिल्ली तक: पांडवों की राजधानी का ऐतिहासिक सफर

- पौराणिक नगरी:महाभारत के अनुसार, दिल्ली का प्राचीन नाम इंद्रप्रस्थ था, जिसे पांडवों ने खांडव वन जलाकर बसाया।
- नागों का निर्वासन:खांडव वन में रहने वाले नागराज तक्षक और उनके परिवार को भगाकर पांडवों ने राजधानी बनाई।
- अग्नि देव का यज्ञ:खांडव वन को अग्नि देव ने कृष्ण और अर्जुन की मदद से जलाया, जिससे उनका पेट ठीक हुआ।
- दिव्य नगर का निर्माण:इंद्र के निर्देश पर मायासुर और विश्वकर्मा ने इंद्रप्रस्थ को दिव्य और रमणीय नगर में बदला।
- दुर्योधन का अपमान:राजसूय यज्ञ के दौरान दुर्योधन इंद्रप्रस्थ के महल में भ्रमित होकर गिरा, जिससे उसका अपमान हुआ और महाभारत युद्ध की नींव पड़ी।
- पुरातात्विक प्रमाण 2014 और 2017 में ASI को पुराने किले की खुदाई में 2500 साल पुराने बर्तन और PGW संस्कृति के अवशेष मिले।
- वर्तमान स्वरूप:महाभारत के नामों जैसे मथुरा, कुरुक्षेत्र के अस्तित्व के बावजूद, इंद्रप्रस्थ को दिल्ली का नया नाम मिलने से इतिहास उलझा।
- पुराणों का संदर्भ: वायु पुराण और महाभारत के अनुसार, गंगा की बाढ़ में इंद्रप्रस्थ डूब गया, और दिल्ली का ऐतिहासिक सफर जारी रहा।