पहलगाम हमले के बाद कश्मीर का पर्यटन बुरी तरह प्रभावित, होटल-टैक्सी संचालक कर्ज में डूबे

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन कश्मीर का पर्यटन उद्योग अब भी उबर नहीं पाया है। डल झील की हाउस बोटें खाली हैं, श्रीनगर का लाल चौक सूना पड़ा है और गुलमर्ग-पहलगाम जैसे प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट मायूसी झेल रहे हैं। पर्यटन पर आधारित टैक्सी, होटल, घोड़े और हाउस बोट से जुड़े कारोबारी आज रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। श्रीनगर के मोहम्मद याकूब कहते हैं, "अमरनाथ यात्रा अच्छी चल रही है, लेकिन आम पर्यटक अब भी नहीं आ रहे।"
पहले अप्रैल से जून तक कश्मीर में पर्यटन का पीक सीजन होता था, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। सुरक्षा कारणों से बंद किए गए 87 में से 48 पर्यटन स्थल अब दोबारा खोल दिए गए हैं, फिर भी पर्यटकों का आना नाम मात्र है। गुलमर्ग के ATV चालक मोहम्मद सुभान बच्चों की पढ़ाई और घर चलाने के लिए कर्ज लेने को मजबूर हैं। कश्मीर की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है और स्थानीय लोग सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।