उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गर्म हो गया है। करीब डेढ़ साल बाद शुक्रवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी लखनऊ आईं। इसके अगले दिन शनिवार को वे दौरे पर लखीमपुर खीरी पहुंची। उन्होंने पसगवां गांव में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान चीरहरण का शिकार हुई अनीता सिंह से मुलाकात की।
प्रियंका गांधी ने कहा कि लोकतंत्र का चीरहरण करने वाले भाजपा के गुंडे कान खोलकर सुन लें, महिलाएं प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री बनेंगी और उन पर अत्याचार करने वालों को शह देने वाली सरकार को शिकस्त देंगी। लोकतंत्र में महिलाओं को उनका अधिकार मिले।
प्रियंका ने कहा कि नामांकन भरने आई महिला की पिटाई करना लोकतंत्र नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां का ब्लॉक प्रमुख चुनाव रद्द किया जाए। यहां दोबारा चुनाव हो। जिम्मेदार लोगों को मालूम है कि यहां क्या कुछ गलत हुआ है। उन्हें पता है यह चुनाव का तरीका नहीं है। जिम्मेदार लोग ऐसी व्यवस्था को ठीक करें।
प्रियंका गांधी के मौन धरने पर FIR
उधर, लखनऊ में शुक्रवार को प्रियंका गांधी के मौन धरने को लेकर यूपी पुलिस ने FIR दर्ज की है। हजरतगंज पुलिस ने बगैर सूचना और इजाजत के धरना देने पर FIR दर्ज की है। कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर हजरतगंज थाने में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, वेदप्रकाश त्रिपाठी, दिलप्रीत सिंह समेत 500 कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की गई है। इनके खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान, महामारी एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं।
FIR में प्रियंका गांधी को आरोपी नहीं बनाया गया है। कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार शाम हजरतगंज की गांधी प्रतिमा पर मौन धरना दिया था। करीब दो घंटे तक प्रियंका भी धरने पर बैठी थीं। पुलिस के मुताबिक, सिर्फ दस मिनट के कार्यक्रम और गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण की इजाजत ली गई थी।
उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल गर्माया
