रेलवे संशोधन विधेयक पारित, वैष्णव बोले: निजीकरण का सवाल ही नहीं
नई दिल्ली। रेलवे संशोधन विधेयक 2024 बुधवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान को लेकर उनकी फर्जी कहानी की तरह यह झूठ भी विफल होगा।
विधेयक का उद्देश्य
रेल मंत्री ने बताया कि यह विधेयक रेलवे बोर्ड के कामकाज और स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए लाया गया है। इसके तहत रेलवे अधिनियम 1989 और भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम का एकीकरण किया जा रहा है।
टेक्नोलॉजी और सुरक्षा में प्रगति
वैष्णव ने कहा कि रेलवे ट्रैक और लोकोमोटिव पर "कवच" सुरक्षा प्रणाली का कार्य तेजी से हो रहा है। कवच से 10 किमी दूर तक का सिग्नल ड्राइवर को केबिन में मिलेगा और ओवरस्पीड होने पर ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा। उन्होंने बताया कि विकसित देशों ने 20 साल में जो काम किया, भारत ने उसे 5 साल में पूरा कर लिया।
कोच और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेनों में जनरल और एसी कोच के अनुपात को संतुलित रखा गया है। 12,000 नए जनरल कोच बनाए जा रहे हैं और 900 कोच पहले ही ट्रेनों में लगाए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रेल दुर्घटनाओं की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट आई है, जो 1960 के दशक में 1390 से घटकर 2023-24 में 40 तक रह गई है।
बजट में बड़ा इजाफा
वैष्णव ने कहा कि रेलवे के बजट को 2014 के बाद 25-30 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.52 लाख करोड़ रुपये किया गया है। इससे हर राज्य को रिकॉर्ड आवंटन मिला है और परियोजनाओं में तेजी आई है।
यह विधेयक रेलवे की स्वतंत्रता और सुरक्षा में सुधार के साथ-साथ यात्री सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।