संस्कृत के विद्यार्थी अब बन सकेंगे आयुर्वेद चिकित्सक, 'आयुर्वेद-गुरुकुलम्' की होगी स्थापना

विराटनगर, 5 नवम्बर। संस्कृत शिक्षा में छात्रों के लिए एक नई शुरुआत करते हुए, अब संस्कृत के विद्यार्थी भी आयुर्वेद चिकित्सक बन सकेंगे। राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेशाध्यक्ष बनवारी लाल सैनी ने बताया कि केंद्र सरकार ने संस्कृत माध्यम से आयुर्वेद की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए 'आयुर्वेद-गुरुकुलम्' की स्थापना का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत 'प्री आयुर्वेद + बीएएमएस' कोर्स शुरू किया जाएगा, जिसमें संस्कृत माध्यम से 10वीं पास विद्यार्थी भी आयुर्वेद में प्रवेश ले सकेंगे।
इस नए पाठ्यक्रम में संस्कृत के साथ आधुनिक विज्ञान के विषय भी शामिल होंगे, जिससे छात्र आयुर्वेद के मूल ग्रंथों को सीधे समझ सकेंगे और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में निपुणता प्राप्त कर सकेंगे। सैनी ने इसे एक ऐतिहासिक निर्णय बताया, जो आयुर्वेद की गुणवत्ता में सुधार करेगा और संस्कृत छात्रों के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा।