सीमांत क्षेत्र की योजनाएं फिर से शुरू करने की मांग: सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल
रावतसर।
बाड़मेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने सोमवार को लोकसभा में नियम 377 के तहत राजस्थान के सीमांत क्षेत्रों में बंद पड़ी विकास योजनाओं को पुनः शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी), पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) जैसी योजनाओं का बंद होना सीमावर्ती जिलों के साथ अन्याय है।
सांसद बेनीवाल ने बताया कि बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इन इलाकों में पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, और चिकित्सा जैसी आवश्यक सुविधाओं की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि कम जनसंख्या घनत्व के कारण विकास की गति बेहद धीमी है और इन योजनाओं के बंद होने से हालात और खराब हो गए हैं।
बंद योजनाओं का असर:
बेनीवाल ने कहा कि 1993 में शुरू हुई बीएडीपी, 2006 में बीआरजीएफ और 2022 में वीवीपी का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों का संतुलित विकास करना था। लेकिन बीएडीपी को 2022 में और बीआरजीएफ को 2015 में बंद कर दिया गया, जिससे इन क्षेत्रों का विकास ठप हो गया।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में शामिल करने की मांग:
उन्होंने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर को शामिल करने और 2022-26 के लिए विशेष बजट स्वीकृत करने की मांग की। उन्होंने सरकार से अपील की कि केंद्रीय दल द्वारा क्षेत्र का निरीक्षण कर एक रिपोर्ट जारी की जाए।
सांसद ने कहा कि इन योजनाओं को फिर से शुरू कर सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ा जाए, रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं, और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती दी जाए। उन्होंने सरकार से इन क्षेत्रों के विकास के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।