चिड़ासरा के राजकीय विद्यालय की जर्जर बिल्डिंग बनी खतरा: बारिश में टपकती छत, गिर सकती हैं दीवारें; हर दिन हादसे के साए में पढ़ते हैं बच्चे

चिड़ासरा के राजकीय विद्यालय की जर्जर बिल्डिंग बनी खतरा: बारिश में टपकती छत, गिर सकती हैं दीवारें; हर दिन हादसे के साए में पढ़ते हैं बच्चे
चिड़ासरा के राजकीय विद्यालय की जर्जर बिल्डिंग बनी खतरा: बारिश में टपकती छत, गिर सकती हैं दीवारें; हर दिन हादसे के साए में पढ़ते हैं बच्चे

सीकर जिले के लोसल उपखंड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चिड़ासरा की जर्जर इमारत छात्रों और शिक्षकों की जान के लिए खतरा बन चुकी है। बरसात के मौसम में क्लासरूम की छतों से पानी टपकता है, जबकि दीवारें नम होकर गिरने की कगार पर हैं। स्कूल के पीछे की दीवार की नींव तक पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है, जिससे किसी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है।

ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि कई बार विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन हर बार आश्वासन देकर मामला टाल दिया गया। अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और शिक्षक हर दिन डर के साये में पढ़ाई कर रहे हैं।

विद्यालय की प्रिंसिपल मधु मीणा ने बताया कि उन्हें कार्यभार संभाले एक महीना हुआ है और वह इस समस्या को समझने का प्रयास कर रही हैं। वहीं, विकास अधिकारी रश्मि मीणा ने कहा कि प्रिंसिपल द्वारा दी गई जानकारी को उच्च अधिकारियों तक फॉर्मेट बनाकर भेजा गया है और जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया है।

स्थानीय लोगों ने चेताया है कि यदि समय रहते भवन की मरम्मत नहीं की गई और कोई हादसा होता है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की होगी। अब सवाल यह है कि क्या कार्रवाई किसी हादसे के बाद ही होगी?