ईरानी मिसाइलों की चपेट में भारतीय आबादी वाले इलाके: बीर्शेबा में हॉस्पिटल तबाह, डर में जी रहे भारतीय वर्कर बोले- हालात नहीं सुधरे तो लौट जाएंगे भारत

ईरानी मिसाइलों की चपेट में भारतीय आबादी वाले इलाके: बीर्शेबा में हॉस्पिटल तबाह, डर में जी रहे भारतीय वर्कर बोले- हालात नहीं सुधरे तो लौट जाएंगे भारत

ईरान और इजराइल के बीच छिड़े संघर्ष में अब भारतीय मूल की आबादी भी सीधे तौर पर प्रभावित होने लगी है। साउथ इजराइल के बीर्शेबा शहर में स्थित करीब 1000 बेड वाले सोरोका हॉस्पिटल पर बुधवार सुबह 7:30 बजे ईरान की मिसाइल आकर गिरी। पूरा अस्पताल मलबे में तब्दील हो गया। चारों तरफ अस्पताल का सामान और घायल लोगों की चीखें ही सुनाई दे रही थीं। ईरान ने दावा किया है कि अस्पताल के पास इजराइली सेना के ठिकाने थे, इसलिए यह हमला किया गया।

बीर्शेबा, तेल अवीव, हाइफा और रिशोन लेजियन—इन सभी शहरों में भारी तबाही देखी जा रही है। कोई भी इलाका पूरी तरह सुरक्षित नहीं बचा है। 2023 के हमास-इजराइल संघर्ष की तुलना में इस बार का हमला कहीं अधिक घातक साबित हो रहा है, क्योंकि ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलें हमास के रॉकेट्स की तुलना में ज्यादा विनाशकारी हैं।

दैनिक भास्कर की टीम तीन प्रमुख प्रभावित इलाकों में पहुंची और हालात का जायजा लिया। वहां बिहार और उत्तर प्रदेश से आए कई भारतीय वर्कर्स से बातचीत हुई। बीर्शेबा में रहने वाले एक भारतीय मजदूर ने बताया, “अभी तक तो हम सुरक्षित हैं, लेकिन जिस तरह से मिसाइलें गिर रही हैं, अगर यह कुछ दिन और चला तो हमें काम छोड़कर भारत लौटना पड़ेगा।”

इजराइल में करीब 18,000 से ज्यादा भारतीय कामकाजी लोग रहते हैं, जिनमें अधिकतर लोग निर्माण, कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत हैं। अब इनकी सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बीर्शेबा में हुए हमले के बाद भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है और सभी भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की अपील की है।

फिलहाल, इजराइल में रहने वाले भारतीयों की स्थिति बेहद असमंजस भरी है—न तो वे लौटने का सीधा निर्णय ले पा रहे हैं, और न ही खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर पा रहे हैं। तनाव बढ़ता जा रहा है और मिसाइल हमलों का दायरा लगातार फैल रहा है।