ऑपरेशन सिंदूर पर देश का पक्ष रखने थरूर को चुना गया क्यों? कांग्रेस बोली- नाम नहीं दिया, फिर भी डेलीगेशन में पहला नाम

मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत का पक्ष अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रखने के लिए 17 मई को सात सदस्यीय ऑल पार्टी डेलिगेशन की घोषणा की। हैरानी की बात यह रही कि इस डेलिगेशन में पहला नाम कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर का था, जबकि कांग्रेस ने दावा किया कि उसने थरूर का नाम दिया ही नहीं।
थरूर ने सरकार के आमंत्रण को “सम्मानजनक” बताया है और कहा कि वह भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं। वहीं कांग्रेस के भीतर इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि जब पार्टी ने कोई नाम नहीं भेजा, तो सरकार ने थरूर को क्यों चुना।
सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार ने जानबूझकर थरूर को चुना है, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बात प्रभावी ढंग से रखी जा सके, क्योंकि थरूर की वैश्विक पहचान, कूटनीतिक अनुभव और भाषा पर मजबूत पकड़ है। वहीं राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि क्या थरूर बीजेपी के साथ कुछ नजदीकियां बढ़ा रहे हैं, या फिर यह केवल एक रणनीतिक चयन है?
डेलिगेशन अमेरिका, फ्रांस, रूस जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों का दौरा करेगा और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत का मजबूत पक्ष रखेगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह समय है जब भारत को एकजुट दिखाना चाहिए, राजनीति से ऊपर उठकर।
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