ठाकरे मिलन के संकेत: 20 साल बाद पास आते दिखे राज-उद्धव, क्या शिंदे-BJP के लिए बनेगा नया खतरा?

महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा संकेत दिखा है। 20 साल पहले शिवसेना से अलग हुए राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के रिश्तों में जमी बर्फ अब पिघलती नजर आ रही है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने एक पॉडकास्ट में साफ कहा कि “महाराष्ट्र और मराठी लोगों के हित में साथ आना कोई मुश्किल नहीं है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “राजनीतिक मतभेद महाराष्ट्र से बड़े नहीं हो सकते।”
राज के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा गर्म हो गई है कि क्या ठाकरे बंधु फिर एक साथ आ सकते हैं? 2024 विधानसभा चुनाव में जहां उद्धव की शिवसेना केवल 20 सीटों पर सिमट गई, वहीं राज की पार्टी का खाता भी नहीं खुला। ऐसे में साथ आना दोनों की मजबूरी भी बन सकता है। सवाल ये भी है कि अगर दोनों नेता साथ आते हैं तो क्या शिंदे गुट और बीजेपी के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है?
अभी सबकुछ शुरुआती इशारों पर टिका है, लेकिन ठाकरे भाइयों का यह नया मूड महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।