चलिए बदलते हैं सोचने का तरीका।

चलिए बदलते हैं सोचने का तरीका।


मनुष्य वह प्राणी है जो अपने विचारों से बना है। वह जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है। अपनी सोच के दायरे को बड़ा करें। जो व्यक्ति अपनी सोच को सीमित रखता है वह अपने सपनों को कभी पूरा नहीं कर पाता है।  आप जिस चीज के बारे में सोचेंगे, वही आपको मिलेगी। यदि आप किसी चीज के बारे में सोचते ही नहीं हैं तो आप उसे पा ही नहीं सकते। सफलता और हमारे बीच की दूरी बस कुछ कदम की है। एक सोच के बदलने मात्र से ही आपके जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन आता है, वो आप सोच भी नही सकते । 

Positive thinking एक ऐसा शब्द जिससे आज का हर व्यक्ति परिचित है। आज का प्रत्येक इंसान इसे समझता व मानता भी है। लेकिन फिर भी पता नही हम लोग इस पर पूरी तरह अमल क्यों नहीं करते हैं। हमारे मन मे कहीं न कहीं negative thinking बसी हुई है। जीवन मे सफलता हासिल करने के लिए और आगे बढ़ने के लिए positive thinking  विशेष आवश्यकता होती है। इसके बगैर इंसान एक कदम भी आगे नही बढ़ सकता है। positive thinking के  तमाम फायदे हैं। इसके कुछ अत्यंत प्रभावकारी लाभ, जिन्हें अपनाकर खुशहाल जीवन व तरक्की की सीढ़ियां आसानी से चढ़ी जा सकती हैं। आइए जानते हैं।


1 - सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति हमेशा खुश रहता है। दुखी होने के कारणों से वह बहुत दूर रहता है। खुश रहने वालों का स्वास्थ्य भी बिल्कुल ठीक - ठाक रहता है। कहने का मतलब ये है कि पॉजिटिव थिंकिंग रखने वाला व्यक्ति शरीर व मन दोनों से स्वस्थ्य रहता है।

2 - जिसके मन में सदैव अच्छे विचार रहते हो, उसे डिप्रेशन, टेंशन, तनाव व अनिद्रा जैसी बीमारियां कभी नही हो सकती, क्योंकि ये बीमारियां हमेशा नकारात्मक विचारों से उत्पन्न होती हैं। इसलिए इनसे दूर रहना चाहिए।

3 - यदि किसी इंसान के अंदर आत्मविश्वास की कमी हो या बिल्कुल न हो तो ऐसे व्यक्ति को हमेशा पॉजिटिव सोच रखनी चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य के अंदर आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है। जोकि उसके लिए जरूरी है।

4 - इससे जीवन में रिश्ते मजबूत होते हैं कैसे ? अब देखिये जो आदमी हर वक्त किसी की बुराई करे या किसी की चुगली करे तो ऐसे लोगों से सब दूर रहना पसंद करते हैं। यदि आप सबके लिए अच्छा सोचेंगे या उनसे अच्छे से पेश आएंगे तो लोग आपसे रिश्ते बनाने की कोशिश करेंगे।

5 - Positive thinking से मनुष्य के अंदर सहन शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है। ऐसे लोग छोटे - मोटे शरीरिक दर्द को आसानी से सह लेते है। ऐसे दर्दो के बारे में उन्हें कुछ मालूम ही नहीं पड़ता है। कहने का तात्पर्य यह है कि एक अच्छी सोच दर्द का असर कम कर देती है।

जीवन सतत प्रवाहशील है, जहां ढेर सारी खुशियों के बीच में दु:ख भी आते हैं। इसलिए किसी भी परिस्थिति से बच पाना संभव नहीं है, लेकिन स्वयं को इस परिस्थिति से भावनात्मक एवं आध्यात्मिकता के सहारे बचाया जा सकता है।