श्रीगंगानगर में धूमधाम से मनाया गया दशहरा पर्व
श्रीगंगानगर में दशहरा पर्व इस वर्ष भी पूरे धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया गया। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक इस पर्व को हजारों लोगों ने बड़े उत्साह से देखा। मुख्य आयोजन श्री महावीर दल श्रीगंगानगर द्वारा सुखाड़िया सर्किल स्थित रामलीला मैदान में किया गया, जहां रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का भव्य दहन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक जयदीप बिहानी, कार्यक्रम अध्यक्ष माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक, और विशिष्ट अतिथि श्रीगंगानगर सांसद कुलदीप इंदौरा, जिला कलक्टर डॉक्टर मंजू, जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव, पूर्व विधायक राजकुमार गौड़, नगर परिषद सभापति गगनदीप कौर, रिद्धि सिद्धि होम डेवलपर्स के डायरेक्टर मुकेश शाह और भाजपा नेता बृजमोहन सहारण समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्रीराम और रावण की सेना के प्रतीकात्मक युद्ध से हुई। श्री हनुमान राम नाटक समिति के कलाकार भगवान श्रीराम और रावण के रूप में रथ पर सवार होकर महावीर दल से रवाना हुए और शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए बैंड बाजों के साथ रामलीला मैदान पहुंचे। वहां भगवान श्रीराम और रावण की सेना के बीच युद्ध का प्रदर्शन हुआ। इसके बाद अतिथियों ने ध्वज पूजन किया और रावण की पूजा अर्चना की।
प्रतिकात्मक बुराई के पुतले का दहन हनुमान जी द्वारा लंका दहन के बाद किया गया। भगवान श्रीराम ने कुंभकर्ण और रावण के पुतलों का दहन किया, जबकि लक्ष्मण ने मेघनाथ के पुतले का दहन किया। पूरे मैदान में "जय श्रीराम" के उद्घोष गूंज उठे। रावण की नाभि में स्थित एक आकर्षक चक्र, जिसमें पटाखे भरे हुए थे, दर्शकों के लिए मुख्य आकर्षण बना। पुतलों में भरे पटाखों से मैदान में जोरदार आवाजें गूंजी, जिसने सभी का ध्यान खींचा।
रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले देखते-देखते आग की लपटों में जलकर ध्वस्त हो गए, और लोगों ने भगवान श्रीराम की जयकारों के साथ इसे मनाया। इस भव्य कार्यक्रम में शहर और आसपास के हजारों लोग उपस्थित थे। आयोजन को सफल बनाने के लिए श्री महावीर दल के प्रधान श्रीकृष्ण लीला, कार्यक्रम संयोजक रामगोपाल पांडूसरिया, मंत्री सीताराम शेरेवाला, उप मंत्री सुशील सिंघल, उप प्रधान जय किशन सिंगल और कोषाध्यक्ष त्रिलोकचंद पांडूसरिया समेत कई अन्य पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुलिस प्रशासन की ओर से कार्यक्रम के दौरान व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। आयोजन स्थल पर पर्याप्त पुलिसकर्मी तैनात थे, जिससे पूरी व्यवस्था शांतिपूर्ण और सुरक्षित रही।