केवलादेव उद्यान में 10 साल बाद पहुंचे 2 हजार पिनटेल, 3500 किमी का सफर तय

भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान इन दिनों विदेशी परिंदों से गुलजार है। खासतौर पर यूरेशिया से आए 2 हजार से अधिक पिनटेल ने यहां की झीलों को आबाद कर दिया है। करीब 3500 किलोमीटर की दूरी तय कर आए ये खूबसूरत पक्षी अपनी अनोखी फीडिंग स्टाइल से पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
डीएफओ मानससिंह के अनुसार, पिनटेल की इतनी बड़ी संख्या में वापसी 10 साल बाद हुई है। इस साल उद्यान की झीलों में पांचना और गोवर्धन ड्रेन से 640 एमसीएफटी पानी भरा गया, जो पक्षियों के लिए अनुकूल माहौल बना रहा है।
भूरे रंग की पिनटेल डक की पूंछ पिन जैसी होती है, इसी कारण इन्हें पिनटेल कहा जाता है। इनका प्रवास सर्दियों पर निर्भर करता है और ये फरवरी तक केवलादेव में रहेंगे। उद्यान का यह नजारा पक्षी प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है।