गायों को ‘निराश्रित’ कहें, ‘आवारा’ नहीं मंत्री जोराराम कुमावत की अपील
जयपुर टाइम्स
जयपुर, 27 अक्टूबर।
राजस्थान के पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने प्रेस वार्ता में प्रदेशवासियों से अपील की कि सड़कों पर स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाली गायों को ‘आवारा’ नहीं, बल्कि ‘निराश्रित’ या ‘बेसहारा’ कहा जाए। उन्होंने कहा कि गाय हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और ‘आवारा’ शब्द का प्रयोग उनकी गरिमा के विपरीत है। सरकारी कार्यालयों में अब गौवंश के लिए ‘आवारा’ शब्द के बजाय ‘निराश्रित’ शब्द का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है।
गौवंश संरक्षण के लिए राज्य सरकार की पहल
कुमावत ने जानकारी दी कि राज्य सरकार गौवंश संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। गौशालाओं को 9 महीने और नंदीशालाओं को 12 महीने का अनुदान दिया जा रहा है। इसके साथ ही, हर पंचायत स्तर पर पशु आश्रय स्थल और जिला स्तर पर नंदीशालाओं की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए 1150 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। बीमार और अपंग पशुओं के लिए भी 12 महीने का अनुदान सुनिश्चित किया गया है।
मोबाइल पशु चिकित्सा और बीमा योजना
राज्य में मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा की शुरुआत की गई है, जो 1962 नंबर पर कॉल करके उपलब्ध है। साथ ही, दूधारू पशुओं के लिए बीमा योजना जल्द ही लागू होगी। मंत्री कुमावत ने बताया कि सरकार महाराष्ट्र के मॉडल का अध्ययन कर रही है, जहां गाय को राज्य माता का दर्जा दिया गया है, और राजस्थान में इसे लागू करने पर विचार हो रहा है।
इस अवसर पर कुमावत ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए गौवंश संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने गौतस्करी और फर्जी गौशालाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।