2029 के लिए सियासी रणनीति: जाट-सिख-मुस्लिम गठजोड़ से भाजपा को चुनौती देने की तैयारी
जयपुर टाइम्स, नई दिल्ली।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि 2029 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को चुनौती देने के लिए जाटों, सिखों और मुसलमानों का एक नया गठजोड़ तैयार किया जा रहा है। मलिक ने बताया कि विभिन्न समुदायों के नेताओं से बातचीत जारी है और कई नेताओं ने इस पहल का समर्थन किया है। जल्द ही इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा हो सकती है।
मलिक ने कहा कि यह नया समीकरण हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में असरदार साबित हो सकता है। उनके अनुसार, यदि यह योजना जमीन पर उतारी जाती है, तो यह गठजोड़ हरियाणा की 10, पंजाब की 13, राजस्थान की 25 और पश्चिमी यूपी की 29 सीटों में से 25 सीटों पर निर्णायक प्रभाव डाल सकता है।
भाजपा की रणनीति पर निशाना
मलिक ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी ने हरियाणा में जाट समुदाय को अलग-थलग रखकर चुनाव जीतने की रणनीति अपनाई। उन्होंने कहा कि यह गठजोड़ भाजपा की इस नीति का जवाब होगा। उन्होंने चौधरी चरण सिंह के समय के जाट-मुस्लिम गठजोड़ का हवाला देते हुए कहा कि यह गठबंधन उस वक्त प्रभावशाली था, लेकिन मुजफ्फरनगर दंगों के बाद दोनों समुदायों में दरार आ गई।
नया समीकरण बनाने की कोशिश
मलिक का मानना है कि इस खाई को पाटने और एक मजबूत राजनीतिक ताकत खड़ी करने की कोशिश अब फिर से की जा रही है। यदि यह गठबंधन सफल होता है, तो यह भाजपा के लिए आने वाले चुनावों में बड़ी चुनौती बन सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जाटों, सिखों और मुसलमानों को एक मंच पर लाने की रणनीति अंतिम चरण में है।
इस पहल को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। अगर यह गठबंधन कामयाब होता है, तो यह भाजपा के लिए 2029 में बड़ी चुनौती पेश कर सकता है।