वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई से पहले भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका, पक्षकार बनने की मांग

जयपुर टाइम्स | नई दिल्ली
वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर देशभर में छिड़ी बहस के बीच राजस्थान की भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में स्वयं को पक्षकार बनाने के लिए हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है। यह याचिका अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई।
राज्य सरकार का कहना है कि वह वक्फ संपत्तियों के प्रशासन की प्रमुख इकाई है, और यह अधिनियम पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों की रोकथाम के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार ने यह भी कहा है कि कानून के तहत किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले 90 दिन का सार्वजनिक नोटिस और आपत्ति प्रक्रिया अनिवार्य की गई है, जिससे आमजन के अधिकारों की रक्षा हो सके।
सरकार ने तर्क दिया कि यह कानून न तो धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और न ही समानता के अधिकारों का। ओवैसी समेत कुछ याचिकाकर्ताओं ने जिन बिंदुओं को आधार बनाकर विरोध जताया है, उनका सरकार ने खंडन किया है। सरकार का कहना है कि यह एक संतुलित और संविधानसम्मत विधायी प्रयास है, जिसे 284 से अधिक हितधारकों की राय के बाद संयुक्त संसदीय समिति ने पारित किया।
राजस्थान सरकार ने न्यायालय से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने की अनुमति भी मांगी है, ताकि वह कानून के व्यवहारिक पहलुओं, तुलनात्मक दृष्टिकोण और आंकड़ों के आधार पर अदालत की सहायता कर सके। 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अहम सुनवाई होनी है।