देवघर हवाई अड्डे पर सुरक्षा उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से सीआईडी जांच पर सवाल उठाए - विमान अधिनियम के तहत कार्रवाई डीजीसीए की जिम्मेदारी: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से देवघर हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सुरक्षा उल्लंघन मामले में भाजपा सांसदों के खिलाफ सीआईडी द्वारा जांच किए जाने पर कड़े सवाल उठाए। कोर्ट ने पूछा कि जब यह मामला विमान अधिनियम के तहत आता है, तो इसकी जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के बजाय सीआईडी क्यों कर रही है।
मामला 31 अगस्त 2022 का है, जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर आरोप लगे कि उन्होंने देवघर एटीसी कर्मचारियों को सूर्यास्त के बाद उनके चार्टर्ड विमान को उड़ान भरने के लिए सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने को मजबूर किया। इस संबंध में कुंडा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति मनमोहन और एएस ओका की पीठ ने झारखंड सरकार से स्पष्ट किया कि विमान अधिनियम के तहत किसी भी अपराध की जांच सीआईडी द्वारा नहीं हो सकती। कोर्ट ने यह भी पूछा कि लोकसभा सचिवालय से मंजूरी के बिना सांसदों के खिलाफ एफआईआर की जांच जारी कैसे रखी गई।
इससे पहले झारखंड उच्च न्यायालय ने इस एफआईआर को रद्द कर दिया था, यह कहते हुए कि विमान (संशोधन) अधिनियम 2020 के तहत सांसदों के खिलाफ जांच के लिए लोकसभा सचिवालय से पूर्व मंजूरी आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को मामले में स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया है।