जुबिन नौटियाल का भावनात्मक गीत ‘ईजा’ रिलीज — उत्तराखंड की मिट्टी, माँ और संस्कृति को समर्पित संगीतमय श्रद्धांजलि
मशहूर गायक जुबिन नौटियाल ने अपना नया सिंगल ‘ईजा’ सभी म्यूज़िक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब पर रिलीज़ कर दिया है।

मशहूर गायक जुबिन नौटियाल ने अपना नया सिंगल ‘ईजा’ सभी म्यूज़िक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब पर रिलीज़ कर दिया है। यह गीत केवल एक गाना नहीं, बल्कि उत्तराखंड की जड़ों, भाषा, परंपराओं और भावनात्मक रिश्तों को संजोने की एक संगीतमय कोशिश है। गीत को लिखा है प्रसिद्ध गीतकार और कथाकार नीलेश मिश्रा ने, जो “जिंदगी कुछ तो बता” और “जादू है नशा है” जैसे गीतों के लिए जाने जाते हैं।
उत्तराखंड की लोकभाषा में ‘ईजा’ का अर्थ होता है ‘माँ’ — एक ऐसा शब्द जो प्रेम, सम्मान और गहराई से भरा होता है। लेकिन इस गीत में यह शब्द और भी बड़ी भावना का प्रतीक बन जाता है — अपनी जड़ों से जुड़ाव, घर की याद और प्रकृति के संरक्षण का संदेश।
इस गीत की शूटिंग उत्तराखंड की खूबसूरत लेकिन संवेदनशील वादियों में की गई है। वीडियो में बवाला (घर), हरेले (पर्वतीय फूलों का त्योहार), पिछोड़ा (पारंपरिक पहाड़ी वस्त्र) और बुरांश (हिमालयी फूल) जैसे दुर्लभ पहाड़ी शब्दों और परंपराओं को सजीव किया गया है।
जुबिन नौटियाल कहते हैं, “नीलेश जी के साथ दोबारा काम करना सौभाग्य की बात है। ‘ईजा’ में उनका लेखन मुझे मेरे घर और मिट्टी की खुशबू महसूस कराता है। यह गीत मेरे दिल के बेहद करीब है।”
गीत के वीडियो को निर्देशित किया है भारत कुकरेती ने, जिसमें वनों की कटाई, पलायन, और जंगलों की आग जैसी गंभीर समस्याओं को खूबसूरत लेकिन मार्मिक दृश्यों के माध्यम से दिखाया गया है। साथ ही, यह वीडियो प्रकृति और पहाड़ों के लोगों के अटूट जज़्बे को भी दर्शाता है।
‘ईजा’ में पारंपरिक भारतीय लोक संगीत को आधुनिक ध्वनियों के साथ जोड़ा गया है, जिससे यह हर उस व्यक्ति से जुड़ता है जिसने कभी अपनी माँ की ममता या अपने घर की गहराई से याद की हो।
‘ईजा’ अब सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। जुड़िए इस भावनात्मक यात्रा से, और फैलाइए यह संदेश — अपनी धरती, अपनी संस्कृति और अपनी माँ समान प्रकृति को बचाने का।