पोयना विद्यालय का मामला फिर आया सुर्खियों में: संस्था प्रधान व स्टाफ को हटाने की ग्रामीणों ने की मांग

पोयना विद्यालय का मामला फिर आया सुर्खियों में: संस्था प्रधान व स्टाफ को हटाने की ग्रामीणों ने की मांग

राज्यसभा सांसद राठौड और कैबिनेट मंत्री को ग्रामीणों ने दिया ज्ञापन 

ग्रामीणों ने 10 दिन का दिया अल्टीमेट, नहीं तो करेंगे ताला बंदी और बच्चों को नहीं भेजेंगे स्कूल 

ग्रामीणों में ज्ञापन में लगाए गंभीर आरोप, अति शीघ्र कार्रवाई करने की लगाई गुहार 

पाली। जिले के सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र के निकटवर्ती ग्राम पोयना में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का मामला तुल पकड़ता जा रहा है और ग्रामीणों में एक बार फिर शिक्षा हमारे द्वार है,इसको देखते हुए ग्रामीणों ने एक बार फिर सरकार और शिक्षा विभाग का दरवाजा खटखटाया है। विद्यालय में शिक्षकों एवं ग्रामीणों के  बीच चल रही गर्मागर्मी को लेकर मामला राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ एवं कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत
तक पहुंचा। पिछले लंबे समय से विद्यालय में संस्था प्रधान और स्टाफ के बीच में चल रही तनातनी व अनबन को लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को फिर राज्यसभा व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन सौपा। इस मामले पर उचित कार्रवाई करने तथा संस्था प्रधान सहित स्टाफ को हटाने की मांग की है। ग्राम वासियों ने ज्ञापन में बताया कि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में जितेंद्र कुमार संस्था प्रधान पद पर कार्यरत हैं। ज्ञापन में कहा कि वे विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और बच्चों के सामने गुटका खाते हैं व शराब पीकर आते हैं। संस्था प्रधान समय पर विद्यालय में नहीं आते हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई नहीं होती हैं वे बच्चों और अभिभावकों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया है। विद्यालय में 5 दिन आते हैं तो 10 दिन नहीं आते हैं। जब ड्यूटी पर आते हैं तो वे स्कूल में सोये रहते हैं और बच्चों को पढ़ाते भी नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि इनका व्यवहार सही नहीं होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हैं, वही बच्चों को बार-बार टॉर्चर करते हैं। संस्था प्रधान की कार्यशैली से बच्चे व अभिभावक पूरी तरह से तंग हो चुके हैं। ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर दो बार उच्च अधिकारियों और शिक्षा विभाग को शिकायत की लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप  के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधी व अन्य लोगों ने  अधिकारियों के साथ सांठ गांठ  कर दोनों बार कोई कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। पत्र में उन्होंने कहा कि संस्था प्रधान को अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ गांव के 2_4 लोगों ने मिलकर ग्रामीणों की समस्या पर शिक्षा विभाग ने कार्यवाही के नाम पर हटाने की बजाय पर्दा डालने का काम किया है जो न्याय संगत नहीं है। अगर इस बार किसी भी प्रकार की प्रशासन ने लीपापोती ढिलाई बरती गई और संस्था प्रधान जितेंद्र कुमार और स्टाफ को 10 दिन के भीतर नहीं हटाया गया तो विद्यालय पर ताला
बंदी करेंगे और बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। साथ ही इस अनबन के चलते स्टाफ में भी तनातनी चल रही हैं इसको देखते हुए पूरे स्टाफ को बदलने की शासन और प्रशासन से गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन से कहा कि अगर समय पर कार्यवाही नहीं हुई तो समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

यहां रहे मौजूद 

इस मौके पर भगवत सिंह देवड़ा,भगाराम जी कुमावत,नेनाराम कुमावत,प्रकाश कुमावत,मूलाराम कुमावत,पुखराज कुमावत,कपूराराम कुमावत,अमराराम कुमावत,भैराराम कुमावत,शंकर लाल कुमावत,ताराराम प्रजापत,गरबाराम कुमावत,नारायण भारती,भीमाराम कुमावत,मंछाराम कुमावत,बाबूलाल कुमावत,गुपाराम प्रजापत,धनाराम प्रजापत,हेमाराम कुमावत,गेमाराम कुमावत,भगाराम बी कुमावत,लासाराम कुमावत,पुखराज कुमावत,मंछाराम कुमावत एल,असलाराम कुमावत आदि ग्रामीणों  ने ज्ञापन देकर बताया कि संस्था प्रधान जितेंद्र कुमार में जब से अपना कार्यभार ग्रहण किया है, इसी सत्र से शिक्षा का प्रभाव गिरता जा रहा है और बच्चों की संख्या भी घटती जा रही है। इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग की है।

मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन

इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने राज्यसभा सांसद और कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन देकर मांग की है। साथ ही इस पूरे घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को भी ज्ञापन भेज कर कार्रवाई की मांग की है। बच्चों की शिक्षा की गिरती औसत को लेकर दुख प्रकट करते हुए सरकार से स्टाफ को हटाने की  अति शीघ्र मांग की है।


यह रहे मौजूद, इन्होंने दिया ज्ञापन 

इस मौके पर भगवत सिंह देवड़ा,भगाराम जी कुमावत,नेनाराम कुमावत,प्रकाश कुमावत,मूलाराम कुमावत,पुखराज कुमावत,कपूराराम कुमावत,अमराराम कुमावत,भैराराम कुमावत,शंकर लाल कुमावत,ताराराम प्रजापत,गरबाराम कुमावत,नारायण भारती,भीमाराम कुमावत,मंछाराम कुमावत,बाबूलाल कुमावत, मुपाराम प्रजापत,धनाराम प्रजापत,हेमाराम कुमावत,गेमाराम कुमावत,रमेश कुमार कुमावत,भूराराम कुमावत, कांतिलाल प्रजापत,भीमाराम देवासी,भगाराम बी कुमावत,लासाराम कुमावत,पुखराज कुमावत,मंछाराम कुमावत एल,असलाराम कुमावत,नेनाराम कुमावत आदि ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर बताया कि संस्था प्रधान जितेंद्र कुमार में जब से अपना कार्यभार ग्रहण किया है,इसी सत्र से शिक्षा का प्रभाव गिरता जा रहा है और बच्चों की संख्या भी घटती जा रही है। इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने तुरंत प्रभाव से हटाने मांग की है। इसके अलावा ग्राम वासियों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भी ज्ञापन भेज कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीणों ने पूर्व में  की थीं शिकायत

दरअसल इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने पूर्व में भी शिकायत की थी,लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि व गांव के ही कुछ लोगों ने मिलकर ग्रामीणों की मांग पर सफेद पोशा लगाया,वही 
अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण बच्चों के भविष्य पर खिलवाड़ किया। उन्होंने बच्चों का उज्जवल भविष्य को नहीं समझते हुए उच्च अधिकारियों के कार्यालय में बैठकर मामले को वही रफा दफा किया। सूत्रों के अनुसार एक बार नहीं ग्रामीणों के साथ में शिक्षा विभाग और प्रशासन ने दो बार धोखा किया है। आपको बता दे कि इस मामले को लेकर दिनांक 13 मार्च 2024 को संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग पाली के नाम पत्र दिया था और संस्था प्रधान को हटाने की ग्रामीणों ने मांग की थी,परंतु राजनीतिक के प्रभाव से अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर कार्रवाई न करने की बजाय अधिकारियों ने विद्यालय स्टाफ को हेड क्वार्टर कार्यालय में बुलाकर समझौता भले ही किया हो,लेकिन बच्चों की शिक्षा के साथ उन्होंने बहुत बड़ा कुठाराघात किया और आज भी स्थिति वही है जो पहले थी। ग्रामीणों की ओर से 13 मार्च को दिए गये पत्र में भी कई आरोप लगाए थे,जिस पर आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिक्षा विभाग व उपखंड प्रशासन के इस रवैया से ग्रामीण परेशान है। इसका खामियाजा बच्चे और उनके अभिभावक भुगतने को मजबूर हैं। अब देखना यह होगा की डबल इंजन की सरकार तथा शिक्षा विभाग इस पर कब कार्रवाई करेगा और ग्रामीणों को राहत प्रदान पहुंचाएगा।