लद्दाख में भारत-चीन के बीच सैनिकों की वापसी प्रक्रिया अंतिम चरण में
जयपुर टाइम्स
नई दिल्ली।
पूर्वी लद्दाख के देपसांग मैदानों और डेमचोक में भारत और चीन के बीच सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जारी है, जो जल्द ही समाप्त होने की उम्मीद है। 25 अक्टूबर से शुरू हुई इस प्रक्रिया में दोनों देशों की सेनाओं ने अस्थायी ढांचे, वाहनों और मिलिट्री उपकरणों को पीछे हटा लिया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार यह प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों को सुधारना है।
2020 की स्थिति में लौटने की उम्मीद
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में अपने बयान में कहा कि लद्दाख में सैनिकों का यह पीछे हटना पहली महत्वपूर्ण पहल है, और आशा है कि इससे भारत 2020 की गश्त की स्थिति में लौट आएगा। जयशंकर ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि सीमा पर तनाव तभी कम किया जा सकता है, जब दोनों पक्ष इसका पालन करें।
सीमा प्रबंधन पर आगे की चर्चा
भारत ने इस हफ्ते घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर चीन के साथ एक समझौता किया है। तनाव कम करने के बाद सीमा प्रबंधन पर बातचीत करने की योजना है, ताकि दोनों देशों के बीच स्थिरता बहाल हो सके।