रिवाजों के प्रति उदासीनता से खाप चौधरी चिंतित , सरकारों का समाज में हस्तक्षेप के खिलाफ आवाज की बुलंद

जींद ।  रविवार को कंडेला खाप पंचायत की तरफ से राजस्थान की मील खाप सहित  हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे प्रदेशों से करीब 165 खापों का महासम्मेलन आयोजित किया गया। यह आयोजन कंडेला गांव में कंडेला खाप के ऐतिहासिक चबूतरे से हुआ। जहां तमाम प्रमुख खापों के प्रतिनिधि पहुंचे शनिवार को ही कंडेला पहुंचना शुरू हो चुके थे। खाप चौधरियों में ज्यादातर ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि आज समाज में रिवाजों के प्रति उदासीनता, सामूहिकता से दूरी, विदेशी संस्कृति की अनुपालना एवं समाज में सरकारों की दखल सहित कई बड़ी बुराइयों ने घर कर लिया है।
इन बुराइयों में सबसे बड़ी बुराई युवा पीढ़ी में बढ़ती नशे की लत को बताते हुए कुंडू खाप के प्रधान जयपाल कुंडू ने कहा कि 15 से 35 साल तक की उम्र के बच्चे नशा करने लगे हैं। मील खाप प्रधान डॉ. नीरज मील ने कहा कि खाप प्रधान आजीवन अराजनीतिक ही होना चाहिए और खापों को मजबूत करना चाहिए।

इसी तरह की बात खाप महासम्मेलन के मंच से खाप महासम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला, ढांडा खाप के प्रधान देवव्रत ढांडा, कंडेला खाप प्रवक्ता जगत सिंह रेढू, एडवोकेट रणधीर सिंह रेटू, सूबे सिंह आदि ने कही। वक्ताओं ने कहा कि सामाजिक बुराइयों पर रोक कानून से नहीं बल्कि सामाजिक दबाव और जागरूकता से लगाई जा सकती है। इसमें खाप पंचायतों की भूमिका बहुत अहम होती है। आज भी खाप पंचायतों का बहुत बड़ा असर समाज के सभी वर्गों पर है। इस असर का इस्तेमाल खाप पंचायतों को समाज सुधार की दिशा में करना चाहिए।
पुरानी पंचायती परम्परा को किया जिंदा |
खास बात यह रही कि पहली बार वर्तमान समय में आयोजित होने वाले आयोजनों में किसी खाप पंचायत के जाजम पर किसी प्रकार की कोई मंच नहीं बनाया।  मंच पर केवल एक वक्ता बोलने के लिए खड़ा होता था और उसके साथ मंच संचालक खड़ा रहता था। यह व्यवस्था उस पुरानी पंचायत परम्परा को जिंदा रखने के लिए की गई जिसे जाजम कहा जाता है। जाजम की सर्वसम्मति से 8 फैसलों पर मुहर लगी।