ठाकुर चारभुजा नाथ भगवान ने हजारों भक्तों की मौजूदगी में किया नौकायन 

ठाकुर चारभुजा नाथ भगवान ने हजारों भक्तों की मौजूदगी में किया नौकायन 


नपा अध्यक्ष सावित्री देवी स्वामी के दृढ़ संकल्प से ऐतिहासिक व अविस्मरणीय हुआ आयोजन
नरैना (राजेश मंत्री)। यूं तो हर साल नरैना में जलझूलनी एकादशी पर ठाकुर श्री चारभुजा नाथ जी महाराज का डोल धूमधाम से निकलता है लेकिन इस बार नपा अध्यक्षा सावित्री देवी स्वामी व विश्व हिन्दू परिषद सांभर के जिलाध्यक्ष डॉ. पुखराज स्वामी के दृढ़ संकल्प व इच्छाशक्ति की वजह से ठाकुरजी का जलविहार आयोजन ऐतिहासिक व अविस्मरणीय होकर नरैना के इतिहास में स्वर्णअक्षरों में अंकित होने के साथ ही जनमानस में सुखद अमिट छाप छोड़ गया। ठाकुर श्री चारभुजा नाथ जी महाराज सुगंधित पुष्पों से सुसज्जित पालकी में सवार होकर भक्तों के कंधों पर शंखनाद व झालर की टनटन के साथ चल रहे थे। लाल रंग की विजय पताका लिए भक्त चल रहें थे।वहीं पालकी के आगे चल रहा बैंड-बाजा भक्तिमय धुनों के साथ मधुर स्वरलहरियों बिखेर रहा था। श्रद्धालु पालकी के आगे भाव-विभोर मुद्रा में नृत्य करते हुए चल रहे थे। चारभुजा मंदिर से बावड़ी के खुर्रे के मध्य ठाकुर जी की पालकी व जुलूस में चल रहे श्रद्धालुओं पर गुलाब के पुष्पों की बरसात की जा रही थी। बावड़ी के खुर्रे पर खड़ी 20 ड्रमों से निर्मित फूलों से सुसज्जित नाव में पुजारी गोपाल प्रसाद-दामोदर व्यास, रघुनाथ जी मंदिर पुजारी कैलाश चंद शास्त्री-कृष्ण कांत दाधीच, राजेश मंत्री सहित भजन मंडली के साथ पालकी में विराजमान ठाकुर जी सवार हुए। नाव में ढोलक मंजीरो की धुनों पर भजन मंडली ठाकुर जी को रिझा रही थी। नाव को भक्तिमय जोश व उत्साह के साथ कुशल तैराक रस्सों की सहायता से खींच रहे थे। सरोवर के मध्य ठाकुरजी के प्राकट्य स्थल पर बनी छतरी के चार परिक्रमा के पश्चात पुजारी दामोदर व्यास ने शंख में सरोवर का जल लेकर ठाकुर जी को अर्पित कर पुजारी गोपाल प्रसाद ने आरती की। इसके पश्चात नाव बाग वाले बालाजी मंदिर के सामने स्थित सूरज घाट पर पहुंची, जहां बाग वाले बालाजी मंदिर के पुजारी द्वारा ठाकुर जी की आरती की गई। नाव सूरज घाट से रवाना होकर रानी घाट,पुराना महिला घाट, माहेश्वरी महिला घाट, शिवघाट पहुंची, जहां गंगा माताजी मंदिर व लक्ष्मीनाथ जी मंदिर पुजारी ने नाव में सवार ठाकुर जी की आरती की । नाव शिव घाट से रवाना होकर पुन: बावड़ी के खुर्रे के लिए रवाना हुई। नौकायन के दौरान ही एसडीआरएफ की नाव में सवार होकर अजमेर लोकसभा सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी के साथ पूर्व विधायक निर्मल कुमावत ने ठाकुर जी की नाव में आकर ठाकुर जी के दर्शन कर खुशहाली की कामना की । ठाकुरजी के जलविहार के दौरान गौरीशंकर सरोवर का जल भी हिलोरें मारता हुआ उनकी पालकी को छूकर ठाकुर जी के चरणस्पर्श करता नजर आया। नाव के पुनः बावड़ी के खुर्रे पर पहुंचने पर बावड़ी के खुर्रे के सामने बने विशाल सुसज्जित मंच से विशेष रूप से बुलायें पंडितों ने हरिद्वार-काशी की गंगा जैसी आरती कर उपस्थित भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। ठाकुरजी ने लगभग ढ़ाई घंटे तक नौकायन किया। वहीं ड्रोन द्वारा ठाकुरजी के ऊपर गुलाब के पुष्पों की बरसात की गई।आरती के पश्चात ठाकुर जी पुनः भक्तों के कंधों पर सवार होकर विशाल मंच के पास बने अतिरिक्त मंच पर विराजमान हुए। इस दौरान यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा,नपा अध्यक्षा सावित्री देवी स्वामी, विश्व हिन्दू परिषद सांभर के जिलाध्यक्ष डॉ. पुखराज स्वामी ने ठाकुरजी को माला अर्पित कर खुशहाली की कामना की । कथा व प्रसाद वितरण के पश्चात ठाकुर जी पुनः भक्तों के कंधों पर सवार होकर बैंड-बाजे के साथ अपने निज मंदिर के लिए निकल पड़े। इस दौरान केन्द्रीय राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, पूर्व विधायक निर्मल कुमावत व विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष डॉ. पुखराज स्वामी ने एसडीआरएफ की नाव में सवार होकर ठाकुरजी के प्राकट्य स्थल पर पहुंचकर जयश्रीराम लिखा हुआ 40 फीट उंचा भगवा ध्वज लगाया। चारभुजा नाथ जी मंदिर के ज्येष्ठ पुजारी गोपाल प्रसाद ने पीताम्बर वस्त्र व अन्य कनिष्ठ पुजारियों ने एक समान लाल वस्त्र पहन रखें थे। नपा के द्वारा बावड़ी के खुर्रे पर मुख्य मंच के साथ ही बाग वाले बालाजी मंदिर के बाहर एक मंच ओर बनाया गया था। इन दोनों मंचों पर बाहर से बुलाए गए युवा कलाकारों द्वारा भगवान कृष्ण की रास लीला का आयोजन किया गया था। मंच पर आयोजित कार्यक्रमों को ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु देख सकें, उसके लिए नपा ने 5 जगह बड़ी एलसीडी स्क्रीन लगवाई थी। वहीं नपा ने पहली बार चारभुजा नाथ जी के प्राकट्य स्थल पर बनी छतरी की विशेष सजावट कर आकर्षक रोशनी से छतरी को जगमग कर दिया। प्राकट्य स्थल सहित कुल 6 जगहों पर नपा द्वारा नगाड़ा व शहनाई वादन करवाकर राजस्थानी संस्कृति से श्रद्धालुओं को सरोबार कर दिया। बावड़ी से लेकर बाग वाले बालाजी मंदिर तक सरोवर के किनारे रंगीन लाईटों व रंग बिरंगे गुब्बारों से सजावट की गई। वहीं ठाकुर चारभुजा नाथ जी मंदिर की भी रंग-बिरंगी लाईटों से सजावट की गई। आयोजन की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर कोई कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा करते नहीं थक रहा था। अपनी उम्र के 92 बसंत देख चुके सत्यनारायण मालू ने बताया कि उन्होंने अपने जीवनकाल में जलझूलनी एकादशी का इतना भव्य आयोजन नहीं देखा। जयपुर से आयें अप्रवासी अरुण मंत्री व तैराकी कर रहे रामचरण परवाल ने बताया कि उन्होंने अपने छ: दशक के जीवनकाल में इतने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ इतना भव्य कार्यक्रम नहीं देखा। नपा द्वारा आयोजित जलझूलनी एकादशी के भव्य कार्यक्रम में माहेश्वरी समाज के प्रवासी बंधुओं सहित अन्य प्रवासी लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस प्रशासन के अलावा 20 निजी बाउंसरों की टीम लगी हुई थी। जलझूलनी एकादशी से एक दिन पूर्व तेजा दशमी के अवसर पर बाहर से आये कलाकारों ने कच्छी घोड़ी नृत्य सहित अन्य राजस्थानी नृत्य कर कार्यक्रम को अन्य वर्षों के मुकाबले रोचक बना दिया। भाजपा मंडल अध्यक्ष नटवर पारीक ने बताया कि ऐसा कार्यक्रम न पहले कभी हुआ ओर भविष्य में इस तरह का भव्य कार्यक्रम होगा,इसकी उम्मीद नहीं। जयपुर से आयें प्रवासी सत्यनारायण मोदानी ने बताया कि नरैना में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यदि नपा अध्यक्षा नरैना को पर्यटक स्थल का दर्जा दिलवा देवे तो नरैना की तस्वीर बदल सकती है। नपा अध्यक्षा द्वारा ऐतिहासिक अविस्मरणीय कार्यक्रम से शहरवासियों की उम्मीदें विश्वास में बदलती नजर आ रही है। कार्यक्रम की भव्यता को देखते हुए इस बार पहली बार किसी निजी व्यक्ति द्वारा निश्चित शुल्क पर जलयात्रा के दौरान लाइफ जैकेट की व्यवस्था करवाई गई थी। वहीं जल सम्बंधित किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम अपनी नाव में लगातार गश्त कर रही थी।
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