विनेश फोगाट का खुलासा, BJP पर लगाया ये आरोप
हरियाणा की मशहूर रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम बढ़े वजन से मेडल से चूकने के मामले पर पहली बार खुलकर बात की। उन्होंने दावा किया कि उनके पास मेडल जीतने का कानूनी विकल्प था, लेकिन भारतीय डेलिगेशन ने उन्हें यह नहीं बताया। यह जानकारी उन्हें एक दोस्त से मिली, जो अंतरराष्ट्रीय खेलों में जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उनके ओलिंपिक मेडल को उनके व्यक्तिगत मेडल के रूप में देखा, न कि देश का, और उनकी मदद करने से इनकार कर दिया।
विनेश ने 6 सितंबर को कांग्रेस जॉइन की थी, और उन्हें जुलाना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों से जुड़े आंदोलन की प्रमुख चेहरों में से एक थीं। विनेश का कहना है कि बीजेपी ने उनके खिलाफ व्यक्तिगत बदले की भावना से काम किया और उन्हें किसी प्रकार की सहायता नहीं दी।
ओलिंपिक विवाद पर विनेश की बात
विनेश ने पत्रकारों से बात करते हुए खुलासा किया कि जब ओलिंपिक में उनका वजन 100 ग्राम बढ़ा हुआ था, तो कानूनी विकल्प थे जिनसे वह मेडल जीत सकती थीं। लेकिन भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें कोई सहायता नहीं दी। विनेश के अनुसार, विदेशी खिलाड़ियों ने भी उन्हें बताया कि यदि सही ढंग से कानूनी लड़ाई लड़ी जाती, तो वह मेडल भारत के पास होता।
विनेश ने कहा, "यह दुर्भाग्य की बात है कि मेरे पास वह मेडल था, लेकिन इसे भारतीय दल ने व्यक्तिगत इगो पर ले लिया। वह मेडल मेरा नहीं, बल्कि देश का था, और देश चाहता तो वह मेडल आ सकता था।" उन्होंने BJP पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने मेडल को सिर्फ उनका व्यक्तिगत मेडल समझा और उनके साथ बदले की भावना से व्यवहार किया।
चुनाव लड़ने पर कांग्रेस का फैसला
विनेश ने अपने चुनाव लड़ने के फैसले को कांग्रेस का निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि इस बारे में बजरंग पूनिया के साथ कोई चर्चा नहीं हुई थी। कांग्रेस ने जो निर्णय लिया, उसे उन्होंने स्वीकार किया। बजरंग पूनिया को ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया गया है, जिसे विनेश ने अपने दिल के करीब बताया। विनेश ने कहा कि बजरंग के पास उनसे ज्यादा जिम्मेदारी है।
बृजभूषण पर हमला
पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर विनेश ने तीखे प्रहार किए। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने बृजभूषण को थप्पड़ क्यों नहीं मारा, तो उन्होंने जवाब दिया, "यही हमारी गलती रह गई। अगर पहले भगवान ने इतनी हिम्मत दी होती, तो कई बच्चियां बच सकती थीं। लेकिन थप्पड़ मारने का भी समय आएगा। वह अब क्यों डर रहा है? इतना क्यों बौखला रहा है?"
बृजभूषण द्वारा विनेश और बजरंग पर डबल ट्रायल के आरोपों पर भी उन्होंने कहा कि यह सब नियमों के तहत हुआ है। यदि उनके पास इतनी शक्ति होती, तो बृजभूषण आज जेल में होते।