गोपाष्टमी पर गौ पूजा का विशेष महत्व, सुख-समृद्धि की कामना से होती है गाय की आराधना

गोपाष्टमी पर गौ पूजा का विशेष महत्व, सुख-समृद्धि की कामना से होती है गाय की आराधना

जयपुर टाइम्स, मंडावा। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाए जाने वाले गोपाष्टमी पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस साल गोपाष्टमी का पर्व 9 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन गायों का पूजन कर उन्हें माता के रूप में सम्मान दिया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन से भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने गौ चराना शुरू किया था, और यह पर्व मथुरा, वृंदावन एवं ब्रज के क्षेत्रों में विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है।

गाय को हिंदू धर्म में धन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है, और जो लोग अपनी पहली रोटी गाय को अर्पित करते हैं, उनके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। गोपाष्टमी के दिन विशेष पूजा-अर्चना से नवग्रह दोष और धन संकट जैसी समस्याएं दूर होती हैं। 

गौ माता का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है, और उनके गोबर व मूत्र से कई औषधियों का निर्माण भी होता है। मान्यता है कि गौ माता के गोबर की धूनी से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, और घर में वास्तु दोष भी दूर होते हैं। गोपाष्टमी पर गाय की सेवा और पूजन से जीवन में शुभता और बरकत बनी रहती है।