ग्राम पंचायत ने 21 हजार के ऐवज में पेड़ों पर ठेकेदार से चलाया पीला पंजा  

ग्राम पंचायत ने 21 हजार के ऐवज में पेड़ों पर ठेकेदार से चलाया पीला पंजा  

बामनेरा ग्राम पंचायत
गौचर प्रकरणः 
बिना टेंडर पेड़ काटने का मामला अदर जुल में 

दो माह बाद भी नोटिस के जबाव का इंतजार,दोषियों को बचाने का प्रयास

 
-जांच में ग्राम पंचायत के दोषियों पर जारी किए थे नोटिस,दूसरी बार फिर जारी किए नोटिस
 

सुमेरपुर। उपखंड के बामनेरा गौचर भूमि में अवैध तरीके से देशी बबूल,खेजड़ी व अंग्रेजी बबूलों की कटाई के मामले में सुमेरपुर विकास अधिकारी ने करवाई गाई जांच में ग्राम पंचायत को दोषी मानते हुए सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी को नोटिस जारी किए थे। लेकिन,इन जारी नोटिसों का बीडीओ को आज दिन तक इंतजार है। ये नोटिस दो माह पूर्व जारी किए थे। मामला यह है कि बीते दिनों ग्रामीणों ने जिला कलक्टर से शिकायत देकर बामनेरा गौचर भूमि में अवैध तरीके से देशी बबूल,खेजड़ी व अंग्रेजी बबूलों की कटाई करने का आरोप लगाया।जिस पर सुमेरपुर विकास अधिकारी ने मामले में सहायक विकास अधिकारी के सानिध्य में एक टीम का गठन कर प्रकरण की जांच करवाई।जांच में ग्राम पंचायत सरपंच,ग्राम विकास अधिकारी एवं ग्रामीणों के बयान कलमबद्ध कर रिपोर्ट पेश की। जांच रिपोर्ट के आधार पर विकास अधिकारी ने सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी को दोषी माना है। नोटिस को लेकर दो माह पूर्ण हो चुके है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इधर, मामले में दोषियों को जारी नोटिस के समय सीमा को लेकर विकास अधिकारी भी अपनी टिप्पणी नही कर सके है। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त हैं। हालांकि इस मामले को लेकर राजस्व विभाग के पटवारी एवं पंचायती राज के सहायक बीड़ीओ ने जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करने की बात सामने आ रही है। इसके बाद भी कार्यवाही में देरी की जारी है। साथ ही इस प्रकरण में शामिल जनप्रतिनिधि और लोग अपना बयान पलट रहे हैं।

बिना नीलामी अधिसूचना कटवा लिए गोचर जमीन पर लगे पेड़

मामला सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बामनेरा का है,जहां सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी ने आपसी सांठ गांठ कर गोचर भूमि पर लगे सैकड़ों पेड़ों को बिना किसी नीलामी नोटिस व अधिसूचना जारी किए कटवा लिया। ग्राम पंचायत में काटे गए इन पेड़ों की संख्या अधिक बताई जा रही है,जिनमें कुछ प्रतिबंधित पेड़ भी शामिल है। गोचर जमीन से काटे गए इन पेड़ों का पैसा भले ही पंचायत कोष में गया हो,लेकिन यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है।


* 21 हज़ार की रसीद में सरपंच ने कटवा दिए हरे पेड़,लोगों में रोष*

केंद्र एवं राजस्थान सरकार पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए लाखों रुपए खर्च कर पौधे लगवाए जाते हैं और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिवर्ष पौधेरोपण और पेड़-पौधे को बचाने का काम किया जाता हैं।लेकिन आज भी बेवजह बड़े वृक्ष को भी काटने से पीछे नहीं हट रहे हैं। एक पौधे को बड़ा करने में पेड़ में तीस वर्ष लगता है। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए क्षेत्र में पर्यावरण दिवस पौधारोपण जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और आमजन से अपील कर एक व्यक्ति एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
 बामनेरा सरपंच द्वारा बिना अनुमति लिए ही गोचर जमीन से पेड़ों की कटाई करा दी गई है। प्राप्त सूत्रों से जानकारी के अनुसार साफ सफाई एवं पशुओं के लिए धामण उगाई के नाम पर ग्रामीणों की सहमति से
 21 हजार रूपये की रसीद कटवाकर सैकड़ो पेड़ों पर जेसीबी मशीन चलाया। यहां तक सरपंच एवं ठेकेदार ने पेड़ काटने से पहले ही लकड़ी के सौदागर ने सौदा भी कर दिया,इसकी जानकारी होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है l इसकी शिकायत उपखंड अधिकारी, तहसीलदार,विकास अधिकारी से की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन दोषियों को बचाने में लगा हुआ है क्योंकि करीबन 4 माह बीत चुके हैं,अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। 
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच रमणीक त्रिवेदी ने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमानी कर रहे हैं, अपने फायदे के लिए पेड़ों की कटाई करा रहे हैं। सरपंच ने बिना अनुमति लिए ग्राम पंचायत बामनेरा की गोचर भूमि से अंग्रेजी बबुल,खेजड़ी इत्यादि अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई कराई गई है। ग्राम वासियों के कहने पर बिना टेंडर अखबार में अधिसूचना जारी किए लकड़ी ठेकेदार के पास से 21 हजार रुपये में सौदा कर बेच दिया है। बाद में ठेकेदार ने गोचर भूमि में अंधाधुंध जेसीबी ट्रैक्टर चलाकर पेड़ों की कटाई शुरू की। अवैध तरीके से की जा रही पेड़ों की कटाई को लेकर ग्राम वासियों ने विरोध जताया और सरपंच के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।ग्रामीणों में इससे काफी रोष व्याप्त है,आक्रोशित ग्रामीण सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


इनका कहना


यह आरोप निराधार हैं हमने किसी भी वृक्ष या पेड़ को नहीं काटा है। केवल अंग्रेजी बबुल झाड़ियों की सफ़ाई करवाई है। साथ ही वृक्षारोपण कार्यक्रम एवं मवेशियों के चरने के लिए घास रोपण को लेकर सभी ग्रामवासियों की सहमति से करवाया है ।शिकायतकर्ता आदतन शिकायत  प्रवृत्ति का है जो जूठे आरोप लगाकर अपना दबाव ग्राम पंचायत पर बनाना चाहता है। शिकायतकर्ता स्वयं गोचर और अन्य लोगों के खेतों में बिना किसी परमिशन से कोयला बना कर  बेचने का कार्य कर चुका है, साथ ही नदी में अतिक्रमण कर बैठा हुआ़ है।

रमणीक त्रिवेदी, 
सरपंच ग्राम पंचायत बामनेरा।
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इधर इस मामले को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। गोचर भूमि पर आनन फानन में पेड़ काटे है। कार्यवाही के नाम पर प्रशासन लीपापोती कर रहा है।
हमे अभी तक न्याय नही मिला है। जांच हुये 2माह बीत चुके हैं, उसके बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारी दोषियों को बचाने में लगे हुए हैं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी ये तो गर्त में है।.... सुरेश नागोरी,
ग्रामीण,बामनेरा।