तीन दिन में 12 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी, केंद्र हुआ सख़्त 

तीन दिन में 12 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी, केंद्र हुआ सख़्त 


जयपुर टाइम्स 
नई दिल्ली। देशभर में इन दिनों लगातार से एयरपोर्ट और विमानों को बम से उड़ाने की धमकियां में बढ़ोतरी हो रही है। जो कि केंद्र सरकार के लिए एक चुनौती के तौर पर बन गई है। इसी बीच केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने देशभर के हवाई अड्डों से आने वाली उड़ानों में स्काई मार्शल की संख्या दोगुनी करने का फैसला लिया है। इस मामले में गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी  है कि एयरपोर्ट और विमानों में बढ़ते खतरे के आकलन और खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद स्काई मार्शल की संख्या दोगुनी करने का फैसला लिया गया है। काबिले गौर है कि पिछले तीन दिनों से अब तक कुल 12 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता सातवें आसमान पर चली गई है। हालांकि जांच में सभी धमकियां झूठी पाई गई हैं, लेकिन सरकार अब इस मामले में एक्शन मोड पर आती हुई नजर आ रही है। जिसको लेकर बुधवार को गृह मंत्रालय ने फर्जी बम धमकियों पर नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो  और  नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ चर्चा की। जानकारी के अनुसार नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय के गहन चर्चा में निर्णय लिया गया कि एजेंसियां साथ मिलकर धमकी देने वालों की पहचान कर उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल करने किया जाएगा।इसके साथ ही चर्चा के बारे में अधिकारी ने आगे बताया कि फिया रिपोर्ट के आधार पर संवेदनशील श्रेणी में जोड़े गए नए अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर एयर मार्शलों के नए बैच को तैनात किया जाएगा। विमान सुरक्षा एजेंसियों के साथ कई सारी बैठकों के बाद यह फैसला लिया गया। बता दें कि विमानों में बम की धमकी वाले फर्जी संदेशों को लेकर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।

संसदीय समीति के सामने भी उठा मुद्दा:

एयरपोर्ट और विमानों में भेजे गए कई सारे फर्जी धमकी भरे संदेशों के मुद्दे को लेकर बुधवार को संसदीय समीति में भी गर्माहट दिखी। इस मामले में सांसदों के सवाल का जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन सचिव नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुलनाम  ने बताया कि आरोपियों की पहचान की जा रही है। इसको लेकर एजेंसियां कार्रवाई कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जांचकर्ताओं ने कुछ जानकारी एकत्र की है और कार्रवाई कर रहे हैं। वे इस तरह के फर्जी संदेशों के कुछ अन्य मामलों पर भी काम कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने मामले की चल रही जांच के कारण सूचना की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए अधिक विवरण साझा करने से इनकार कर दिया।