राजाजी नेशनल पार्क: इंसान-जानवर के बीच सामंजस्य, सोशल मीडिया से सुलझा टकराव

राजाजी नेशनल पार्क: इंसान-जानवर के बीच सामंजस्य, सोशल मीडिया से सुलझा टकराव

राजाजी नेशनल पार्क, उत्तराखंड के पास स्थित इलाकों में मानव और वन्यजीवों के बीच सामंजस्य का एक अनोखा उदाहरण पेश कर रहा है। यहां रहने वाले 13,500 लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक प्रभावी नेटवर्क बना लिया है, जिससे वन्यजीवों की उपस्थिति की जानकारी तुरंत साझा की जाती है। जैसे ही कोई जानवर रिहायशी इलाकों में दिखाई देता है, ग्रामीण सोशल मीडिया पर अपने आसपास के सभी गांवों को अलर्ट करते हैं और वन विभाग को जानकारी देते हैं। वन विभाग तुरंत हरकत में आता है और जानवरों को सुरक्षित रूप से जंगल में वापस भेज देता है।

यहां के लोग और जानवर दोनों अब एक-दूसरे से कम ही टकराते हैं। 5.5 किलोमीटर लंबी जंगल की सरहद के आसपास रहने वाले लोग अब जंगल में प्रवेश नहीं करते, जिससे टकराव की घटनाएं कम हो गई हैं। राजाजी नेशनल पार्क, जो 830 वर्ग किलोमीटर में फैला है, विशेष रूप से हाथियों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, यहां तेंदुआ, बाघ, हिरण, चीता, सांभर और मोर भी पाए जाते हैं। पक्षियों की 315 प्रजातियां भी इस पार्क में निवास करती हैं।

यह तालमेल मानव और वन्यजीव संघर्ष को कम करने में एक प्रभावी मॉडल साबित हो रहा है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकता है।