धनखड़ का इस्तीफा: नड्डा से तकरार, शिवराज पर टिप्पणी और अलग लाइन से उपजा सियासी तनाव

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सार्वजनिक रूप से इसकी वजह खराब सेहत बताई गई, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह महज औपचारिक कारण माना जा रहा है। दरअसल, बीते कुछ महीनों में धनखड़ का सरकार से मतभेद खुलकर सामने आने लगा था।
धनखड़ ने 10 जुलाई को जेएनयू में दिए भाषण में कहा था, "मैं सही समय पर रिटायर होऊंगा, अगस्त 2027 में, जब तक कोई दिव्य हस्तक्षेप न हो।" लेकिन महज 11 दिन बाद इस्तीफा देकर उन्होंने सियासी गलियारों में सवाल खड़े कर दिए कि क्या ‘दिव्य हस्तक्षेप’ दरअसल पार्टी हाईकमान का दबाव था?
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, तीन घटनाएं उनकी नाराजगी का संकेत थीं—कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर टिप्पणी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से तीखी बहस और जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर पार्टी से अलग स्टैंड लेना।
अब नए उपराष्ट्रपति को लेकर चर्चाएं तेज हैं। वरिष्ठता के लिहाज से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बिहार से राज्यसभा उपसभापति हरिवंश का नाम सबसे आगे चल रहा है।
धनखड़ का इस्तीफा केवल स्वास्थ्य कारणों तक सीमित नहीं दिखता, बल्कि यह पार्टी के भीतर के गहराते मतभेदों की ओर इशारा करता है।