कुंडा धाम: 400 साल पुराना शिव मंदिर बना आस्था का केंद्र, सावन में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़; पहाड़ियों की गोद में बसा पावन स्थल

राजस्थान के अजीतगढ़ के पास पिथलपुर गांव स्थित कुंडा धाम, शिवभक्तों के लिए गहरी आस्था का केंद्र है। अरावली पर्वतमाला की गोद में बसे इस प्राचीन शिवलिंग मंदिर की स्थापना करीब 400 साल पहले माधोदास महाराज ने की थी। सावन माह में यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है, जो भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां केवल शिवलिंग स्थापित है, शिव परिवार की मूर्तियां नहीं हैं। हालांकि वर्षों पूर्व स्थापित प्राचीन शिवलिंग चोरी हो गया था, लेकिन 21 साल पहले ग्रामीणों ने मिलकर मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और नई शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कराई।
मंदिर के पास दो प्राचीन कुंड और झरने हुआ करते थे, जिनमें श्रद्धालु स्नान किया करते थे। हालांकि अब ये झरने सूख चुके हैं, पर बरसात में यह स्थान फिर से हरियाली से भर उठता है। अरावली की पहाड़ियों से घिरे इस धार्मिक स्थल पर प्रकृति और अध्यात्म का सुंदर संगम दिखाई देता है।
कुंडा धाम में हर साल सेसरघाट और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान बड़ी संख्या में भक्त और पर्यटक आते हैं। यहां के रामकुवार दास महाराज मंदिर की नियमित पूजा और व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। ये स्थान न केवल आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भी मंत्रमुग्ध करता है।