जयपुर जिले के पंच गौरव के संवर्धन के लिए प्रभावी कार्ययोजना बने – जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी

जयपुर जिले के पंच गौरव के संवर्धन के लिए प्रभावी कार्ययोजना बने – जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी

जयपुर, 30 जनवरी। जयपुर जिले में चिन्हित पंच गौरव—रत्नाभूषण, लिसोड़ा, आमेर दुर्ग, कबड्डी और आंवला के विकास एवं संवर्धन के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने हेतु सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने की। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इन क्षेत्रों के संवर्धन के लिए ठोस योजना बनाने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रथम)  विनीता सिंह ने बताया कि जयपुर विश्व की प्रसिद्ध रत्न राजधानी है। कुंदन-मीना और थेवा आभूषणों की विरासत को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, सेमिनार और वेबिनार आयोजित किए जाएंगे। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही एजेंसियों से भी समन्वय किया जाएगा।

वनस्पति प्रजाति लिसोड़ा के संरक्षण के लिए इसे जिला स्तर की नर्सरियों में उगाने और किसानों को वितरित करने की योजना बनाई जाएगी। महिलाओं को लिसोड़ा अचार बनाने का प्रशिक्षण देकर उनके आजीविका संवर्धन में मदद की जाएगी।

पर्यटन स्थल आमेर दुर्ग को अधिक प्रसिद्ध बनाने के लिए होटलों, गाइड्स और ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सोशल मीडिया और पर्यटन वेबसाइट्स पर आमेर दुर्ग से जुड़े वीडियो और फोटोज अपलोड किए जाएंगे।

जयपुर की औषधीय उपज आंवला के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाए जाएंगे। आंवला से जुड़ी औषधियों, कॉस्मेटिक्स और खाद्य उत्पादों के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

पारंपरिक खेल कबड्डी को प्रमोट करने के लिए जयपुर कबड्डी प्रीमियर लीग आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया। विद्यालयों में इस खेल को प्रोत्साहित करने के लिए शारीरिक शिक्षकों की बैठक होगी और महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कबड्डी मैदानों का निर्माण किया जाएगा।

इस बैठक में जिला परिषद सीईओ  प्रतिभा वर्मा सहित पर्यटन, खेल, कृषि, उद्योग, उद्यानिकी और वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।