भावनाओं पर काबू क्यों जरूरी? समझें एमिग्डला हाइजैक और इससे बचने के आसान उपाय

क्या आपने कभी गुस्से में गलत फैसला लिया? डर के मारे थरथराए या खुशी में खुद पर काबू खो दिया? ऐसा तब होता है जब हमारे दिमाग का एक हिस्सा, जिसे *एमिग्डला* कहते हैं, हमारे इमोशन्स पर हावी हो जाता है। इसे *एमिग्डला हाइजैक* कहा जाता है।
एमिग्डला दिमाग के अंदर मौजूद बादाम के आकार के दो हिस्से होते हैं, जो हमारी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। जब हम किसी स्थिति में अत्यधिक भावनात्मक हो जाते हैं, जैसे बहुत ज्यादा गुस्सा, डर या खुशी, तब एमिग्डला लॉजिकल ब्रेन को बायपास कर देता है और हम असामान्य व्यवहार करने लगते हैं।
इस स्थिति में व्यक्ति बिना सोचे-समझे बोल सकता है, रिश्ते बिगाड़ सकता है या किसी स्थिति में गलत निर्णय ले सकता है। लक्षणों में अचानक गुस्सा आना, तेजी से सांस चलना, हथेलियों में पसीना, दिल की धड़कन तेज होना शामिल हैं।
एमिग्डला हाइजैक से बचने के लिए माइंडफुलनेस, गहरी सांस लेना, खुद को शांत रखने की ट्रेनिंग, और किसी प्रतिक्रिया से पहले 5 सेकंड रुकना बेहद मददगार हो सकता है।
भावनाओं को पहचानना और संभालना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए अगली बार जब कोई भावना हावी हो, तो पहले खुद से पूछें—क्या मैं इस पर काबू पा सकता हूं?