राजस्थान में 83 हजार सरकारी कर्मचारी गरीबों का राशन खाते पकड़े गए: लाखों की सैलरी के बावजूद 2 रु./किलो में लिया गेहूं, 82 करोड़ की वसूली

राजस्थान में 83 हजार सरकारी कर्मचारी गरीबों का राशन खाते पकड़े गए: लाखों की सैलरी के बावजूद 2 रु./किलो में लिया गेहूं, 82 करोड़ की वसूली

राजस्थान में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य के 83,679 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी पिछले 5 वर्षों से गरीबों के हिस्से का राशन खा रहे थे। इन लोगों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत 2 रुपए प्रति किलो गेहूं का लाभ उठाया, जबकि वे इस योजना के पात्र ही नहीं थे। इनमें शिक्षक, पुलिसकर्मी और अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल हैं, जिनकी मासिक सैलरी लाखों में है।

योजना को आधार से लिंक करने के बाद हुई जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। सरकार ने अब तक इन अपात्र लाभार्थियों से 82 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि वसूल ली है, लेकिन यह राशि अब तक केंद्र सरकार को वापस नहीं की गई, जिस पर कैग ने आपत्ति जताई है।

जिलावार आंकड़ों में दौसा सबसे ऊपर है, जहां 7,000 से ज्यादा कर्मचारी दोषी पाए गए। भरतपुर द्वितीय और उदयपुर द्वितीय में एक भी कर्मचारी ऐसा नहीं मिला। सरकार ने गेहूं की कीमत बाजार दर 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से वसूल की है।

यह मामला सरकारी सिस्टम की बड़ी खामियों और नैतिक गिरावट को उजागर करता है, जहां योजनाएं गरीबों के लिए बनीं, लेकिन फायदा उठाया रसूखदारों ने।