नीति आयोग की बैठक में ममता बनर्जी, सरकार पर ये आरोप लगाकर हुई रवाना

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 27 जुलाई को दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक हुई। बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीटिंग को बीच में ही छोड़ दिया। ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और उनका माइक बंद कर दिया गया।
ममता बनर्जी का बयान:
ममता बनर्जी ने कहा, "मैं बोल रही थी, लेकिन मेरा माइक बंद कर दिया गया। बैठक में विपक्ष की ओर से सिर्फ मैं ही शामिल थी। भाजपा के मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए 10 से 20 मिनट का समय दिया गया, जबकि मुझे केवल 5 मिनट ही दिए गए।"
सरकार का जवाब:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ममता के आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं। माइक बंद नहीं किया गया था। हर मुख्यमंत्री के बोलने का समय निर्धारित था। उन्हें झूठ पर आधारित नैरेटिव गढ़ने के बजाय सच बोलना चाहिए।"
नीति आयोग की बैठक:
बैठक सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे तक पांच घंटे चली। नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि आज की बैठक में 26 राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के LG शामिल हुए, जबकि 10 राज्यों के मुख्यमंत्री अनुपस्थित रहे।
अनुपस्थित मुख्यमंत्री:
बैठक में I.N.D.I.A ब्लॉक के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। इनमें एम के स्टालिन (तमिलनाडु), सिद्धारमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश), पी. विजयन (केरल), हेमंत सोरेन (झारखंड), भगवंत मान (पंजाब) और अरविंद केजरीवाल (नई दिल्ली) शामिल हैं।
NDA से अनुपस्थित मुख्यमंत्री:
NDA से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व्यक्तिगत कारणों से बैठक में नहीं आए। राज्य के दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बैठक में शामिल हुए। इसके अलावा NDA शासित एक और राज्य पुडुचेरी के मुख्यमंत्री भी बैठक में नहीं आए।
बैठक के मुद्दे:
बैठक में विभिन्न विकासशील मुद्दों पर चर्चा हुई और राज्यों के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। नीति आयोग की इस बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना और विकास के नए रास्ते खोजना है।
समापन:
नीति आयोग की बैठक के दौरान ममता बनर्जी के आरोपों ने एक बार फिर से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मतभेदों को उजागर कर दिया। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस विवाद का आगे क्या प्रभाव पड़ता है और किस तरह से इसे सुलझाया जाता है।