हनुमान जी भगवान शिव के 11 वे है अवतार :::पं सोहन लाल व्यास

हनुमान जी भगवान शिव के 11 वे है अवतार :::पं सोहन लाल व्यास


विराटनगर।पंडित सोहनलाल शर्मा पुजारी श्रीझीडा वाले बालाजी प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय बहु भाषिक ब्राह्मण महासंघ ने बताया कि हनुमान भगवान का जन्म चैत्र शुक्ला पूर्णिमा मंगलवार को मेष लग्न चित्रा नक्षत्र में आंजन ग्राम अंजनेय पर्वत पर माता अंजनी के गर्भ से हुआ है इनके पिता का नाम केसरी था जो की कपि क्षेत्र के राजा थे जो कि वानर क्षेत्र था इसलिए ही केसरी को वानर राज कहा जाता है। हनुमान जी को साहस शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ भाव से सेवा एवं कर्तव्य परायण्ता के लिए जाना जाता है हनुमान जी भगवान शिव जी के 11वे अवतार है इसलिए इन्हें रूद्रावतार भी कहा जाता है सनातन संस्कृति में हनुमान जयंती को पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है हनुमान जयंती इसलिए भी विशेष हो जाती है कि यह रामनवमी के शीघ्र पश्चात आती है और भगवान राम के जन्मोत्सव के बाद हनुमान जी का जन्म उत्सव आना विशेष महत्व रखता है हनुमान जी को चिरंजीव का वरदान माता सीता से प्राप्त हुआ है इसलिए इनको प्रत्यक्ष देव माना गया है और कलयुग में भगवान हनुमान की पूजा सबसे श्रेष्ठ बतलाई गई है अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनुमांश्च विभिषण:।कृप परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीवीने:।। हनुमानजी अतुलित बल के धाम हैं जिनकी शक्ति का कोई पार नहीं है हनुमान जी को ज्ञानियों में सबसे श्रेष्ठ बतलाया गया है। ज्ञानिनामग्रगण्यम कुछ विद्वानों ने हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में मंगलवार को बतलाया है जो कि हम विजय दिवस के रूप में मानते हैं हनुमान जी भगवान राम के सबसे प्रिय भक्त हैं और हनुमान जी को भगवान राम से प्रिय और कोई नहीं हनुमान जी की प्रसन्नता के लिए सदैव श्री राम नाम का स्मरण करना चाहिए हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से हनुमान भगवान प्रसन्न होते हैं एवं मनोवांछित कामनाओं को पूर्ण करते हैं हनुमान जी बल बुद्धि के दाता और सभी कष्टों हरने वाले एवं मनोकामना पूर्ण करने वाले देव है जो कि श्रीराम के नाम से प्रसन्न हो जाते हैं तुलसीदास जी ने हनुमान जी की प्रसन्नता के लिए सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा की रचना की है जो कि संपूर्ण भारतवर्ष में सबसे ज्यादा लोकप्रिय एवं सबसे ज्यादा लोगों द्वारा इनका पठन किया जाता है हनुमान चालीसा की चौपाई में हनुमान जी की भक्ति शक्ति शौर्य एवं निस्वार्थ भाव से सेवा का उल्लेख किया गया है हनुमान जयंती पर सभी को हनुमान जी के मंदिर में जाकर दर्शन करने चाहिए।