लक्ष्मणगढ़ बंद को राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन, बस दुर्घटना के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग

लक्ष्मणगढ़ बंद को राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन, बस दुर्घटना के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग

लक्ष्मणगढ़, 8 नवंबर। 29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन निजी बस की तेज रफ्तार से हुई दुर्घटना में 16 यात्रियों की मृत्यु के बाद लक्ष्मणगढ़ में निजी बस यूनियन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मामले में संघर्ष समिति ने बस यूनियन की कथित गुंडागर्दी और सुरक्षा की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी से मुलाकात की। 

संघर्ष समिति और ग्रामीणों ने 9 नवंबर को लक्ष्मणगढ़ बंद का आह्वान किया, जिसका समर्थन लक्ष्मणगढ़ बार एसोसिएशन, व्यापार मंडल सहित राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने लिखित में किया है। संघर्ष समिति के नरेन्द्र बाटड़ और महावीर रणवां ने बताया कि बंद के दौरान 16 मृतकों की याद में पुराने बस स्टैंड पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी।

समिति ने प्रशासन से कई मांगें रखी हैं, जिनमें मृतकों के परिजनों को मुआवजा, रोडवेज बस सेवा में स्थाई बढ़ोतरी, सुरक्षित यात्रा की गारंटी, बस यूनियन से मुआवजा वसूली, हत्या के आरोप में केस दर्ज करना, और प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस तैनाती की मांग शामिल है। लक्ष्मणगढ़ बंद को सफल बनाने के लिए एडवोकेट सज्जन हाफास, हरफूल गोदारा और अन्य नेताओं ने व्यापारियों से समर्थन मांगा। 

इस मौके पर पीसीसी सचिव दिनेश कसवां, मंडल अध्यक्ष पवन सैनी, एडवोकेट प्यारेलाल मीणा, और कई स्थानीय नेता और नागरिक भी मौजूद रहे।