समाज में बराबरी से कायम होगा अमन-चैन: प्रो. अपूर्वानंद
महात्मा गाँधी जीवन दर्शन समिति का उपखण्ड स्तरीय कार्यक्रम आयोजित, वक्ताओं ने कहा - अन्याय के खिलाफ खड़ा होना गांधी का विचार
चूरू , 28 जून। प्रख्यात गांधीवादी विचारक, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा है कि समाज में बराबरी के माहौल से अमन-चैन कायम होगा। महात्मा गांधी ने समाज में अस्पृश्यता, भेदभाव, महिला-पुरुष असमानता, हरिजनों के मंदिर में प्रवेश नहीं दिए जाने के खिलाफ खड़े होकर समानता का संदेश दिया। गांधी के जीवन दर्शन से हमें अन्याय के खिलाफ खड़ा होने की ताकत मिलती है।
प्रो. अपूर्वानंद बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित दादा बाड़ी में आयोजित उपखण्ड स्तरीय गाँधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ खड़ा होना ही गांधी का विचार है। समाज में सबसे कमजोर व शताब्दियों से अन्याय झेल रहे वर्ग के साथ खड़े होकर सहयोग करना ही गांधीवादी सोच है। इंसाफ और बराबरी एक- दूसरे से जुड़े हुए हैं। महात्मा गाँधी ने सौहार्द्र और राष्ट्रवाद की प्रेरणा दी जिससे सम्पूर्ण भारत एक कड़ी के रूप में जुट पाया। गांधी की हत्या के बाद उनके विचार समाज में तेजी से फैले और एक समृद्ध सोच कायम हुई। आज हम उन्हीं विचारों से समाज में स्थापित हो पाए हैं।
उन्होंने कहा कि हमें समाज में तनाव के माहौल का समझते हुए आपसी भाईचारे के साथ सभी त्यौहारों को एक-साथ मनाने की परंपरा का विकास करना है, ताकि भावी पीढ़ी समृद्ध संस्कृति की धनी हो।
जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि हमें गांधी के विचारों और अनुभवों को अपने अनुभवों से सीखना है। समाज व परिवेश में सत्य, शांति एवं अहिंसा का संदेश देते हुए हर व्यक्ति को अपने अनुभव के सांचे में पिरोना है। राज्य सरकार की पहल पर शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के समन्वयकों ने जिले के उपखण्ड ही नहीं बल्कि पंचायत स्तर तक गाँधी जीवन दर्शन का सन्देश पहुँचाया है। गांधीजी की सोच व विचार के साथ काम करते हुए समाज के आखिरी छोर के व्यक्ति का समावेश करने का प्रयास करना है।
इस दौरान जिला कलक्टर सिहाग ने राज्य सरकार की इंदिरा गाँधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना, अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क घरेलू बिजली योजना, रोजगार क्षेत्रा में ग्रामीण अंचल में मनरेगा व शहरी अंचल में इंदिरा गाँधी गहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 रोजगार दिवस, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, कामधेनु पशु बीमा योजना, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना व चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना सहित महंगाई राहत कैम्प में सम्मिलित समस्त 10 योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जब हम किसी की सहायत करते हैं तो केवल किसी एक क्षेत्रा में मदद हो पाती है जबकि हम अपने परिवेश में जानकारी के अभाव में महंगाई राहत कैम्प में इन योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित लोगों को जागरूक कर हर क्षेत्रा में सहायता कर सकते हैं। इन कैम्पों में सभी क्षेत्रों को सम्मिलित करने वाली योजनाओं का एक साथ लाभ मिल सकता है। इसलिए हमें छूटे हुए लोगों को रजिस्ट्रेशन करवाते हुए समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को लाभान्वित करना है।
उन्होंने बताया कि अब तक जिले के करीब 83 प्रतिशत परिवारों और 90 प्रतिशत व्यक्तियों ने रजिस्टेशन करवाया है और उनकोे लाभ मिलने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष कुमार शर्मा ने कहा कि वर्तमान विश्व की सभी चुनौतियों और समस्याओं का समाधान गांधी दर्शन मंे हैं। उन्होंने गांधी दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी दी और बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के अंतिम छोर के व्यक्ति को लाभान्वित करने के लिए अभूतपूर्व योजनाओं का सूत्रपात किया है।
राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष एवं गाँधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक दुलाराम सहारण ने कहा कि हम ऐसे दौर में हैं, जिसमें सबसे ज्यादा गांधी की जरूरत है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाज में घृणा व हिंसा फैलाने के माहौल में शांति एवं अहिंसा निदेशालय की स्थापना कर राज्य की गांधीवादी सोच का परिचय दिया है। इसी कड़ी में अंतिम छोर के व्यक्ति तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाने और समाज में सांप्रदायिक सौहार्द्र की भावना को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार गाँधी सेवा प्रेरक लगाए जाने व उनको मानदेय के रूप में 4500 रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा बहुत ही बड़ा कदम है। राज्य सरकार भाईचारे, रोजगार, शिक्षा व चिकित्सा की प्रतिबद्धता के साथ जनता और समाज के अंतिम व्यक्ति के प्रति प्रतिबद्ध है। हमें इसी भावना को भावी पीढ़ी तक संचार करना है।
इस मौके पर प्रशिक्षु आईएएस सक्षम गोयल ने कहा कि महात्मा गांधी आज के समय में बहुत ही प्रासंगिक है। उनकी प्रांसगिकता को हम आजादी और लोकतंत्रा को बनाए रखने में साबित भी होती है। एक जमाने में अशोक, बुद्ध व अकबर ने बदलाव के लिए जो मुहिम चलाई थी, उसे महात्मा गांधी ने अपने सार्थक प्रयासों से गति दी। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक व्यक्ति व समाज के साथ विभिन्न देशों में बराबरी की बात करते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है। आज महात्मा गांधी के ‘‘आखिरी व्यक्ति को बचाइए‘‘ के विचार के साथ संविधान की उपयोगिता साबित हुई है। उनके विचारों व आंदोलन से हमें भारतीयता की परिभाषा मिली है।
इस दौरान एसडीएम उगमसिंह राजपुरोहित व पूर्वा भारद्वाज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविन्द ओला ने शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। संचालन लोहिया काॅलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर उम्मेद गोठवाल ने किया।
इससे पूर्व प्रो. अपूर्वानंद, जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग, राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक दुलाराम सहारण, प्रशिक्षु आईएएस सक्षम गोयल, पूर्वा भारद्वाज, एसडीएम उगमसिंह राजपुरोहित, तहसीलदार धीरज झाझड़िया, समिति के उपखंड संयोजक रियाजत खान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविंद ओला सहित अन्य मंचस्थ अतिथियों ने महात्मा गांधी के चित्रा के समक्ष पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। गाँधी जीवन दर्शन समिति के उपखण्ड संयोजक रियाजत खान ने अतिथियों का स्वागत किया।
शिविर के दौरान राजीव बहड़, शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ चूरू प्रभारी दयापाल पूनियां, तारानगर संयोजक लीलाधर जोशी, रामनिवास सहारण, हेमंत सिहाग, सुबोध मासूम, पार्षद अजीज खान, पूर्व पार्षद सत्यनारायण बाकोलिया, राजेन्द्र कल्ला, विद्याधर मेघवाल, अजय दाधीच, राजेन्द्र प्रसाद राजपुरोहित, मुबारिक भाटी, सद्दाम हुसैन, सिराज जोईया, मोहम्मद अब्बास काजी, महेश मिश्रा, योगेंद्र शर्मा, इकबाल सिसोदिया, आबिद मोयल, सुरक्षा सखी सदस्य संगीता शर्मा, सरिता व्यास, सरीना बानो, सुमन शर्मा, चंद्रा स्वामी, राधा, दर्शना योगी, प्रेमलता शर्मा, आश्मीन बानो, हंसा बानो, कमलेश कंवर, गुलाब नबी, रईश कुरैशी, विशाल वर्मा, सलीम पीए, रामेश्वर प्रसाद नायक, कृष्ण सुण्डा, कालू महर्षि, अल्ताफ रंगरेज, राजेश, इस्लाम, नत्थूराम, सलीम चौहान, शेरखान मलकान, सहित प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में वार्डों के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण मौजूद रहे।