सुजानगढ़ भाजपा में भाजपा के ही नेता परेशान, लालगढ़ बना चर्चा का विषय!

सुजानगढ़ भाजपा में भाजपा के ही नेता परेशान, लालगढ़ बना चर्चा का विषय!


जयपुर टाइम्स 
सुजानगढ़। आमतौर पर किसी सरकारी कर्मचारी को नेता धमकी देते हैं, तो कहा जाता है कि बाढ़मेर भेज दूंगा। सुजानगढ़ के मामले में लालगढ़ का नाम लिया जाता रहा है। क्योंकि लागगढ़ सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र का अंतिम गांव है और मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर लालगढ़ में नौकरी करना टफ माना जाता है। इसी बात को लेकर इन दिनों सुजानगढ़ भाजपा में इन दिनों काफी उठा पटक और आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। एक दिन पहले ही जब भाजपा के जिलाध्यक्ष बसंत शर्मा ने भाजपा कार्यालय में सदस्यता अभियान को लेकर बैठक ली, तो इसी मुद्दे को लेकर मामला गरमा गया और भाजपा के एक पक्ष ने भाजपा के दूसरे पक्ष पर परेशान करने के गंभीर आरोप लगाए। बैठक के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष रिछपाल बिजारणिया ने कहा कि भाजपा की पार्षद ममता ओझा के पारिवारिक सदस्य को केवल लालगढ़ इसलिए डेपुटेशन पर लगवा दिया गया, क्योंकि उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष के पास शिकायत लेकर गए पार्षदों की शिकायत पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयश्री दाधीच और कमल दाधीच द्वारा इस बात का खंडन किया गया। लेकिन कार्यकर्ताओं का गुस्सा जिलाध्यक्ष के सामने थमा नहीं और उप नेता रिछपाल बिजारणिया ने जिलाध्यक्ष से कहा कि हम लोग जनहितों को लेकर विधायक और सभापति से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा के नेता भाजपा के पार्षदों और कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं, इसलिए संगठन को सख्त कदम उठाना चाहिए। मामले को लेकर जिलाध्यक्ष भी ज्यादा कुछ समझाईश नहीं कर पाए, जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं की रार सरेआम लोगों में चर्चा का विषय बन गई है। घटनाक्रम पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2 सितम्बर 2024 को भाजपा नेताओं और पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष से इस बात को लेकर मिला था कि नेता प्रतिपक्ष की ओर से भाजपा पार्षदों की समस्याओं को वरीयता नहीं दी जाती है और कांग्रेस के लोगों से सांठ-गांठ की जा रही है। इसी ज्ञापन में भाजपा प्रत्याशी रही संतोष मेघवाल पर आरोप लगाया गया था कि वो उन लोगों के साथ ज्ञापन देने के लिए उप मुख्यमंत्री के पास गई, जिन लोगों ने प्रधानमंत्री के बारे में अनर्गल शब्द कहे और उनका पुतला जलाया। जबकि उनको भाजपा कार्यकर्ताओं को साथ में लेना चाहिए था। इसी प्रकार तीन केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में काले झंडे दिखाने वाले लोगों के साथ ज्ञापन देने की जानकारी भाजपा प्रत्याशी के बारे में प्रदेशाध्यक्ष को दी गई। इस बात को लेकर पार्षद ममता ओझा ने आरोप लगाया कि प्रदेशाध्यक्ष को दिए गए ज्ञापन से नाराज होकर भाजपा प्रत्याशी और नेता प्रतिपक्ष ने मेरे पारिवारिक सदस्य नर्सिंग ऑफिसर महेश ओझा का डेपुटेशन सीएमएचओ के जरिये लालगढ़ गांव में करवा दिया। पार्षद ममता ओझा ने कहा कि हमारे वार्डों में काम नहीं हो रहे थे और हम लोगों को प्रदेशाध्यक्ष से मिलकर शिकायत करनी पड़ी। जिससे दोनों स्थानीय नेताओं को गुस्सा आ गया और उन्होंने डेपुटेशन लालगढ़ करवाया। लेकिन फिर हम लोग जयपुर जाकर चिकित्सा मंत्री से मिले और पूरे मामले से अवगत करवाया, जिस पर हमें राहत मिली है। इसी बात को लेकर जिलाध्यक्ष के समक्ष कार्यकर्ताओं की पीड़ा बाहर आई। इस बारे में नेता प्रतिपक्ष जयश्री दाधीच ने बताया कि नर्सिंग ऑफिसर महेश ओझा के डेपुटेशन में मेरा कोई रोल नहीं है। उनको चरला लाने में मेरा जरूर भूमिका रही है। सभापति व नगरपरिषद की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ समय-समय पर मैंने राज्य सरकार को अवगत करवराया है। जिला बनाने को लेकर अगर सरकार से मिले हैं, तो इसमें कोई गलत बात नहीं है। जिले की मांग को लेकर हम लोग संघर्ष कर रहे हैं। पार्टी में कोई फूट नहीं है, थोड़ी मिस अंडरस्टेंडिंग है, जो दूर हो जाएगी। इस बारे में भाजपा नेता और विधानसभा प्रत्याशी रही संतोष मेघवाल ने दूरभाष पर बताया कि डेपुटेशन तो सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें कोई नाराज होने की बात नहीं है, यह राजकीय सेवा का हिस्सा है, जिसमें हमारा कोई दखल नहीं होता। पार्टी में फूट की बात है, तो वैचारिक मतभेद पार्टी व संगठन आंतरिक मामला है, जो मिल बैठकर सुलझ जाएगा।  कुल मिलाकर देखा जाए, तो भाजपा में दो धड़े इन दिनों सक्रिय हैं, जो जनता के बीच में तो एक होने के दावे करते हैं, लेकिन अन्दर खाने एक दूसरे को परेशान करने, एक दूसरे से सम्बंधित लोगों पर कार्यवाही करवाने और एक दूसरे की ओर से करवाई गई कार्यवाईयों को वापस करवाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। प्रदेश भाजपा के लिए सुजानगढ़ भाजपा की एकजुटता हाल के दिनों में बड़ा चैलेंज बनकर सामने आ सकता है।