-भजनलाल सरकार ने कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया
राजस्थान में दो हजार आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे
-आंगनबाड़ी केंद्र अब बनेंगे प्ले स्कूल
जयपुर टाइम्स
जयपुर। प्रदेश की भजनलाल सरकार महिला व बाल विकास को लेकर गम्भीर है। राजस्थान में आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की तरह बनाया जाएगा। महिला व बाल विकास राज्य मंत्री मंजू बाघमार ने विधानसभा में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि सरकार महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए काम कर रही है। बच्चों को हफ्ते में तीन दिन दूध दिया जाएगा। 2000 आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र और 365 ब्लॉक स्तरीय आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे। लाडो योजना से बालिकाओं को सशक्त किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय 10% बढ़ाया गया है।
62000 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र, 42 लाख को फायदा:
विधानसभा में महिला व बाल विकास विभाग के बजट पर चर्चा हुई। डॉ. बाघमार ने चर्चा का जवाब दिया। इसके बाद सदन ने 32 अरब 12 करोड़ 10 लाख 34 हजार रुपये के बजट को मंजूरी दे दी। मंत्री ने कहा कि राज्य में 365 बाल विकास परियोजनाओं के तहत 62 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। ये केंद्र पोषाहार, शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच जैसी सेवाएं देते हैं। इन केंद्रों से करीब 42 लाख गर्भवती महिलाओं, माताओं, किशोरियों और बच्चों को फायदा हो रहा है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में महिलाओं को 959.70 करोड़ रुपये दिए:
डॉ. बाघमार ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर पोषण पंचायतें बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 50 हजार के लक्ष्य के मुकाबले 85 हजार 500 महिलाओं को लाभ मिला है। इस योजना में अब तक करीब 26 लाख 35 हजार महिलाओं को 959.70 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि:
राजस्थान सरकार का यह कदम आंगनबाड़ी केंद्रों को और बेहतर बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। प्ले स्कूल की तर्ज पर विकसित किए जाने से बच्चों को बेहतर शिक्षा और देखभाल मिल सकेगी। साथ ही, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि से उनका मनोबल भी बढ़ेगा। यह योजनाएं महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाने में मददगार साबित होंगी।
राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की तर्ज पर विकसित करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा और देखभाल मिल सकेगी। सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाने में मददगार साबित होंगी। यह कदम निश्चित रूप से राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।