जल जीवन मिशन में सरकार के प्रयास विफल दो साल में छह IAS बदले, लेकिन रैंकिंग में कोई सुधार नहीं  

जल जीवन मिशन में सरकार के प्रयास विफल दो साल में छह IAS बदले, लेकिन रैंकिंग में कोई सुधार नहीं  

राजस्थान में जल जीवन मिशन (जेजेएम) की मॉनिटरिंग के लिए पिछले दो साल में छह IAS अधिकारी तैनात किए गए, लेकिन मिशन की रैंकिंग में अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। देशभर की तुलना में राजस्थान की जेजेएम रैंकिंग बेहद खराब है और यह केवल पश्चिम बंगाल से ऊपर है। केंद्र सरकार की आर्थिक मदद के बावजूद प्रदेश के 50 लाख से ज्यादा घरों में अब तक नल कनेक्शन नहीं पहुंचा है। 

बाड़मेर, डीग, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़ जिलों में 30 प्रतिशत से भी कम काम हुआ है। जल जीवन मिशन में टेंडर से लेकर वर्क ऑर्डर तक में भ्रष्टाचार और घोटालों की शिकायतें मिलने पर CBI, ACB, ED और क्वालिटी कंट्रोल एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है। इस योजना की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, प्रमुख सचिव भास्कर ए. सावंत और जेजेएम के एमडी व चीफ इंजीनियर पर है, लेकिन उनके प्रयासों के बावजूद रैंकिंग में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।