साहित्य और संस्कृति की अमिट पहचान: समरस संस्थान के संस्थापक डॉ. स्नेहिल का धौलपुर आगमन

साहित्य और संस्कृति की अमिट पहचान: समरस संस्थान के संस्थापक डॉ. स्नेहिल का धौलपुर आगमन

 

धौलपुर, राजस्थान। शिक्षा, साहित्य, कला और संस्कृति को समर्पित अखिल भारतीय संस्था समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत के संस्थापक डॉ. मुकेश कुमार व्यास स्नेहिल ने अपने धौलपुर प्रवास के दौरान कहा कि साहित्य और कविता के क्षेत्र में धौलपुर की एक अमिट पहचान है। उन्होंने समरस संस्थान के जिला कार्यालय पर आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में कहा कि संस्था की धौलपुर इकाई ने कम समय में ही स्थानीय साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, जिससे जिले के कवि अखिल भारतीय स्तर पर धौलपुर का नाम रोशन कर रहे हैं। 

नवोदित कवियों को प्रोत्साहित करते हुए डॉ. स्नेहिल ने कहा कि लेखन का कार्य सतत् चलते रहना चाहिए और साहित्य को समाज में जीवंत बनाए रखने के लिए उनकी कलम निरंतर चलती रहनी चाहिए। उन्होंने संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह 18 राज्यों और 3 अंतरराष्ट्रीय इकाइयों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और साहित्य को संजोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन और डॉ. स्नेहिल के स्वागत के साथ हुई। इसके बाद स्थानीय कवियों ने अपनी पुस्तकें उन्हें भेंट कीं और काव्य पाठ के माध्यम से अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में संस्था के संरक्षक वीरेंद्र त्यागी, प्रदेश महामंत्री रजनी शर्मा, जिलाध्यक्ष गोविंद गुरु, और अन्य साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति रही। प्रिया शुक्ला, पूर्णिमा शर्मा, आशा दीप, और अन्य कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से धौलपुर की साहित्यिक धारा को और भी समृद्ध किया।